नई दिल्ली: भारत ने मंगलवार को चीन द्वारा एलएसी को लेकर अपना पक्ष साफ करने के बाद भारत ने भी दोटूक शब्दों में कहा है कि वह 1959 में चीन की एकतरफा परिभाषित तथाकथित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को नहीं मानता.
चीन की एक मीडिया रिपोर्ट में एलएसी को लेकर चीन द्वार अपना पक्ष साफ करने के बाद भारत ने भी अपना रुख साफ किया है.
रिपोर्ट के मुताबिक जिसमें चीन के विदेश मंत्रालय का बयान है कि वह लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश के रूप में मान्यता नहीं देता, वहां वह किसी भी निर्माण को अवैध मानता है.
इसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस पूरे मसले पर कहा कि हमने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन की पक्ष को लेकर चीनी विदेश मंत्रालय के हवाले से एक रिपोर्ट देखी है. भारत ने तथाकथित एकतरफा परिभाषित 1959 LAC को कभी स्वीकार नहीं किया. यह रुख बरकरार रहा है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत उम्मीद करता है कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा की कोई अपुष्ट एकतरफा व्याख्या करने से बचेगा. भारत ने कभी भी 1959 में एकतरफा रूप से परिभाषित की गई तथाकथित वास्तविक नियंत्रण रेखा को स्वीकार नहीं किया है.
एमईए ने कहा कि पश्चिमी सेक्टर के विभिन्न हिस्सों में वास्तविक नियंत्रण रेखा के उल्लंघन की कोशिश करते रहे चीन ने यथास्थिति को एकतरफा ढंग से बदलने की कोशिश की है.