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Thursday, 31 October, 2024
होमडिफेंसचीन ने 29-30 की बीच रात पूर्वी लद्दाख में एक बार फिर की घुसपैठ की कोशिश, भारतीय सेना ने किया नाकाम

चीन ने 29-30 की बीच रात पूर्वी लद्दाख में एक बार फिर की घुसपैठ की कोशिश, भारतीय सेना ने किया नाकाम

गलवान की घटना के बाद से दोनों देशों के सैनिकों के बीच यह पहली झड़प है, 15 जून को हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक मारे गए थे लेकिन चीन ने अपने सैनिकों की संख्या नहीं बताई थी.

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नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्सो के दक्षिणी किनारे पर भारतीय सेना और चीन के सैनिक एकबार फिर आमने-सामने आए. हालांकि, इस दौरान क्या उनके बीच गुत्थम-गुत्थी या हिंसक झड़प की कोई सूचना नहीं है.  गलवान घाटी में 15 जून को हुई झ़ड़प के बाद शांति बहाल किए जाने की कोशिश को तोड़ दिया है.

भारत और चीनी सेना के बीच यह झड़प 29/30 अगस्त की मध्यरात्रि को हुई है. बता दें कि दोनों देशों के बीच मुद्दों को सुलझाने के लिए चुशुल में एक ब्रिगेड कमांडर स्तर की फ्लैग मीटिंग जारी है.

इसी बीच भारतीय सेना ने बयान जारी कर कहा है कि 29/30 की रात में पिपुल्स लिब्रेशन सेना (पीएलए) के सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में चल रहे गतिरोध और सैन्य और राजनयिक बातचीत के बीच हुई पिछली आम सहमति का उल्लघंन किया है.

बयान में यह भी कहा गया है कि पीएलए के सैनिकों ने यथास्थिति को बदलने की कोशिश की है जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया है.

आर्मी ने अपने बयान में कहा है, ‘भारतीय सैनिकों ने पैंगॉन्ग त्सो झील के दक्षिणी किनारे पर पीएलए की गतिविधि को नाकाम कर दिया है. सेना ने और भी कई कदम उठाए हैं जिससे हम अपनी स्थिति को और मजबूत कर सकें. यही नहीं बयान में यह भी कहा गया है कि चीन का तथ्यों को बदलने के इरादे को भी हमने नाकाम कर दिया है. ‘

बयान में आगे यह भी कहा गया है कि भारतीय सेना बातचीन के माध्यम से शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन अपनी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए भी हम दृढ़ हैं.


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हालांकि सेना ने अभी तक यह नहीं बताया है कि यह झड़प कितनी सीरियस थी और इसमें दोनों तरफ की सेना को कितनी चोटें आईं हैं.

एलएसी पर तनाव

15 जून को गलवान घाटी में झड़प हुई थी जिसमें 20 भारतीय सैनिकों की मौत हो गई थी हालांकि चीन ने अपनी तरफ की हानि के बारे में कोई सूचना नहीं दी थी.

बता दें की दिप्रिंट लगातार यह बता रहा है कि लगातार चल रही सैन्य बातचीत में चीन ने अपनी जगह से हटने से इनकार कर दिया है.

चीनी ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ अपनी निर्माण गतिविधि जारी रखी है और बड़ी संख्या में टैंक, आर्टिलरी, मिसाइल सिस्टम दूसरों के बीच जमा कर लिए हैं.

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