लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बारिश से खराब हुई सड़कों की मरम्मत और पुनर्निर्माण कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा, दशहरा, दीपावली और छठ जैसे प्रमुख त्योहारों से पहले हाईवे, एक्सप्रेसवे, ग्रामीण और शहरी सभी महत्वपूर्ण मार्ग पूरी तरह से ठीक हो जाने चाहिए, ताकि जनता को किसी तरह की असुविधा न हो.
मंगलवार को विभिन्न विभागों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने सड़क मरम्मत और गड्ढामुक्ति अभियान की समीक्षा की. अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश की 6,78,301 सड़कों (कुल लंबाई 4,32,989 किमी) में से 44,196 किमी को गड्ढामुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है. अब तक औसतन 21.67% प्रगति हुई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभाग समान गति से काम करें और जहां प्रगति धीमी है, वहां तेजी लाई जाए. प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की सड़कों की मरम्मत पर विशेष जोर दिया गया.
नगर विकास विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि नगर निगमों में अवस्थापना संबंधी कार्यों की धनराशि का समय पर और सही उपयोग हो. कार्य का आवंटन पारदर्शी तरीके से किया जाए और अनावश्यक देरी न हो. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो महापौरों के अधिकारों पर पुनर्विचार किया जाएगा. साथ ही, जिन नगर निगमों पर ईईएसएल का बकाया है, उसका तत्काल भुगतान करने के भी निर्देश दिए.
लोक निर्माण विभाग ने सड़क नवीनीकरण में 84.82% प्रगति दर्ज की है. कुल 31,514 किमी लंबाई की सड़कों को नवीनीकरण कार्यों में शामिल किया गया है. मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को समयबद्ध तरीके से कार्य पूरे करने का आदेश दिया.
रेस्टोरेशन और विशेष मरम्मत के अंतर्गत 2,750 किमी सड़कें चिन्हित की गई हैं. इसमें ग्रामीण विकास विभाग ने 62.99%, नगर विकास विभाग ने 35.50% और अवसंरचना एवं औद्योगिक विकास विभाग ने 48.77% प्रगति दर्ज की है. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि 30 सितम्बर तक पीडब्ल्यूडी सर्वे पूरा कर कार्ययोजना शासन को सौंपे.
त्योहारों को देखते हुए अधिकारियों ने बताया कि 649 मार्ग संतोषजनक स्थिति में हैं, जबकि 114 मार्ग असंतोषजनक पाए गए हैं. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इन मार्गों को तुरंत दुरुस्त किया जाए ताकि यातायात सुचारु रूप से चल सके. उन्होंने स्पष्ट कहा कि त्योहारों के दौरान सड़कों की स्थिति प्रदेश की छवि से जुड़ी होती है, इसलिए किसी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभियान सीधे तौर पर जनता की सुविधा और सुरक्षा से जुड़ा है. इसलिए सभी अधिकारी पारदर्शिता, जिम्मेदारी और समयबद्धता को सर्वोच्च प्राथमिकता दें. कार्यों की प्रगति की रोजाना निगरानी और शासन स्तर पर नियमित रिपोर्टिंग की व्यवस्था हो.
बैठक में मुख्यमंत्री ने उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर की रूपरेखा पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि प्रदेश में ज्यादातर राजमार्ग और एक्सप्रेसवे पूर्व-पश्चिम दिशा में बने हैं. अब जरूरत है कि नेपाल सीमा से लेकर दक्षिणी जिलों तक को जोड़ने वाला मजबूत उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर तैयार हो. इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) का सहयोग लिया जाएगा और जहां जरूरत होगी वहां ग्रीनफील्ड परियोजनाएं भी प्रस्तावित की जाएंगी.