scorecardresearch
सोमवार, 9 जून, 2025
होमदेशमुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने PM मोदी से की बोधघाट और इंद्रावती-महानदी परियोजनाओं पर की चर्चा

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने PM मोदी से की बोधघाट और इंद्रावती-महानदी परियोजनाओं पर की चर्चा

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन से बस्तर के विकास को दोगुनी रफ्तार मिलेगी और यह क्षेत्र आत्मनिर्भर और समृद्ध बनेगा.

Text Size:

रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर बस्तर क्षेत्र की बहुप्रतीक्षित बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना और इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने दोनों परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने और इनके त्वरित क्रियान्वयन का अनुरोध किया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर संभाग लंबे समय से नक्सल प्रभावित क्षेत्र रहा है. नक्सल समस्या और दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण इस क्षेत्र में सिंचाई साधनों का विकास बाधित हुआ है. छत्तीसगढ़ सरकार अब बस्तर संभाग के चहुमुखी विकास के लिए बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना और इंद्रावती-महानदी लिंक परियोजना पर प्राथमिकता से काम कर रही है.

मुख्यमंत्री ने बताया कि बोधघाट बहुउद्देशीय बांध परियोजना इन्द्रावती नदी पर प्रस्तावित है. इन्द्रावती नदी गोदावरी की एक प्रमुख सहायक नदी है और राज्य में 264 किलोमीटर तक प्रवाहित होती है. यह परियोजना दंतेवाड़ा जिले के गीदम विकासखंड के ग्राम बारसूर से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.

दोनों परियोजनाओं की अनुमानित लागत लगभग 49,000 करोड़ रुपये है. इसमें इंद्रावती-महानदी लिंक परियोजना की लागत करीब 20,000 करोड़ रुपये और बोधघाट बांध परियोजना की लागत लगभग 29,000 करोड़ रुपये आंकी गई है. बोधघाट परियोजना की जल भराव क्षमता 2,727 मिलियन घनमीटर होगी और इससे लगभग 10,440 हेक्टेयर क्षेत्र में जलाशय बनेगा.

इन परियोजनाओं के जरिए बस्तर क्षेत्र के दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा और कांकेर जिलों के 269 गांवों को सिंचाई सुविधा का सीधा लाभ मिलेगा. साथ ही, बोधघाट परियोजना से 125 मेगावाट विद्युत उत्पादन, 4,824 टन वार्षिक मत्स्य उत्पादन और 49 मिलियन घनमीटर पेयजल उपलब्धता भी सुनिश्चित होगी. दोनों परियोजनाओं से लगभग 7 लाख हेक्टेयर भूमि में सिंचाई का विस्तार होगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन से बस्तर के विकास को दोगुनी रफ्तार मिलेगी और यह क्षेत्र आत्मनिर्भर और समृद्ध बनेगा. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से परियोजनाओं को शीघ्र स्वीकृति देने का आग्रह किया, जिससे बस्तर के विकास में एक नई सुबह का आरंभ हो सके.

share & View comments