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Sunday, 6 October, 2024
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मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने वलसे पाटिल से नाराजगी की खबरों को आधारहीन करार दिया

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मुंबई, एक अप्रैल (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को उन खबरों को खारिज किया जिनमें दावा गया है कि वह राज्य के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल से नाराज हैं।

ठाकरे का यह बयान आने से पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता वलसे पाटिल ने शुक्रवार को यहां मुख्यमंत्री के सरकारी आवास ‘वर्षा’ पर उनसे मुलाकात की। वलसे पाटिल ने भी इस खबर का खंडन किया । उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि ठाकरे के साथ उनकी भेंट प्रशासनिक कामकाज को लेकर थी।

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, ठाकरे ने कहा, ‘‘मुझे अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों पर पूरा भरोसा है और वे बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। ऐसी खबरें आधारहीन और भ्रामक हैं।’’

ऐसी अटकलें थीं कि विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आरोप पर वलसे पाटिल के जवाब से ठाकरे खुश नहीं हैं। फडणवीस ने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं को झूठे मामलों में फंसाने की साजिश रच रही है। वलसे पाटिल ने इस मामले की जांच सीआईडी से कराने की घोषणा की थी। ठाकरे ने कथित तौर पर पिछले हफ्ते मंत्रिमंडल की बैठक में इस मुद्दे पर नाराजगी जताई थी।

वलसे पाटिल ने बाद में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ मुख्यमंत्री कार्यालय ने पहले ही स्पष्टीकरण जारी कर दिया है। वह नाराज नहीं हैं। हम एक दूसरे को विश्वास में लेकर ही सारे निर्णय लेते हैं।”

पहले शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा था कि प्रवर्तन निदेशालय जैसी केंद्रीय एजेंसियों द्वारा की गयी कार्रवाई राज्य के गृह विभाग पर हमला है और विभाग को मजबूत करने की जरूरत है।

इस संबंध में पूछे जाने पर वलसे पाटिल ने कहा कि राउत की भावना बिल्कुल सही है। उन्होंने कहा, ‘‘हम विभाग में, यदि कोई कमियां होंगी, तो उनका समाधान करने का प्रयास करेंगे।’’

राउत ने यह भी कहा था कि आमतौर पर मुख्यमंत्री के पास गृह विभाग होता है लेकिन चूंकि महा विकास अघाड़ी (शिवसेना, कांग्रेस एवं राकांपा का ) गठबंधन है इसलिए गृह विभाग राकांपा के पास चला गया।

जब वलसे पाटिल से पूछा गया कि क्या ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना की नजर गृह विभाग पर है, तब उन्होंने कहा कि वह ऐसा नहीं सोचते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन, यदि मुख्यमंत्री आप से से मिलें तो उनसे यह सवाल आप पूछ सकते हैं।

राकांपा नेता ने कहा कि भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने उनसे गृह विभाग को मजबूत करने के बारे में कुछ नहीं कहा और दोनों ने बस प्रशासनिक मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह भेंट पूर्व निर्धारित थी।

जब वलसे पाटिल से यह कहा गया कि गठबंधन के नेताओं के बीच यह भावना है कि जब केंद्रीय एजेंसियां एमवीए के नेताओं को निशाना बना रही हैं तब महाराष्ट्र का गृह विभाग भाजपा को मुंहतोड़ जवाब नहीं दे रहा है, तब उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘ हमें नियमों एवं कानून के अनुसार सरकार चलाना है। मैंने पहले भी कहा है कि गृहमंत्री हर मामले में आदेश नहीं देता है। कई फैसले पुलिस महानिदेशक (डीजी) , पुलिस आयुक्त एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर पर लिये जाते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ जब फैसले करने में देरी होती है तब निश्चित ही यह गृह मंत्री की जिम्मेदारी है कि उसका निरीक्षण करे और उसमें गति लाए। और हम अपना काम कर रहे हैं।’’

उन्होंने इस दावे का भी खंडन किया कि राकांपा भाजपा के प्रति नरम रवैये अपना रही है जबकि शिवसेना भगवा पार्टी से टक्कर ले रही है। वलसे पाटिल ने कहा, ‘‘ मुझे समझ नहीं आता कि क्या नरम रूख है और क्या कठोर रूख है। आखिरकार फैसले उन दस्तावेजों एवं तथ्यों के आधार पर किये जाते हैं जो हमारे सामने आते हैं। जो भी कार्रवाई होती है , वह अदालत के सामने कसौटी पर खरा उतरने लायक हो।’’

भाषा राजकुमार प्रशांत

प्रशांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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