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Friday, 22 November, 2024
होमदेशशिक्षकों को दूसरे वर्ष ही मिलने लगेगा पूरा वेतन, पूर्व सरकार का फैसला था गलत: CM शिवराज चौहान

शिक्षकों को दूसरे वर्ष ही मिलने लगेगा पूरा वेतन, पूर्व सरकार का फैसला था गलत: CM शिवराज चौहान

प्रधानमंत्री ने प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र के प्रयासों की खुले दिल से की प्रशंसा .

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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज शिक्षकों के हित में महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए घोषणा की कि पूर्व सरकार ने शिक्षकों को पूर्ण वेतन देने के लिए कई साल प्रतीक्षा करने का आदेश निकाला था, जो गलत था. इसे बदल कर नए सिरे से लागू किया जाएगा. अब शिक्षकों को दूसरे वर्ष में ही वेतन की 100 प्रतिशत राशि प्राप्त होने लगेगी. प्रथम वर्ष 70 प्रतिशत राशि के बाद 100 प्रतिशत प्राप्त करने के लिए लंबे समय तक इंतजार करना होता था. अब यह प्रक्रिया एक वर्ष में पूर्ण हो जाएगी. ‍इसके लिए शिक्षकों को 4 वर्ष की प्रतीक्षा नहीं करनी होगी. मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मुख्यमंत्री निवास में नव-नियुक्त शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.

22 हजार शिक्षकों की निुयक्ति मौन साधना : प्रधानमंत्री श्री मोदी

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम के लिए भेजे गए अपने वीडियो संदेश में कहा कि नई शिक्षा नीति भारतीय मूल्यों के संवर्धन पर जोर देती है. मध्यप्रदेश में व्यापक तौर पर शिक्षकों की भर्ती की गई है. इस साल 22 हजार शिक्षक नियुक्त किए गए हैं. प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इन सभी शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि यह महत्वपूर्ण बात है कि इन शिक्षकों में से लगभग आधे शिक्षक जनजातीय बहुल इलाकों के विद्यालयों में नियुक्त किए गए हैं. इनकी नियुक्ति से सर्वाधिक लाभ ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को मिलेगा. हमारी भावी पीढ़ी को लाभ मिलेगा. मध्यप्रदेश सरकार ने इस वर्ष एक लाख से अधिक रिक्त पदों पर भर्ती का लक्ष्य रखा है, जो प्रसन्नता का विषय है.

इस साल के अंत तक 60 हजार शिक्षकों की नियुक्ति का लक्ष्य है. इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि मध्यप्रदेश शिक्षा सर्वे में देश में 17 वें स्थान से छलांग लगा कर 5 वें स्थान पर आ गया है. शिक्षा की गुणवत्ता की दृष्टि से मध्यप्रदेश की यह बड़ी उपलब्धि है. मध्यप्रदेश ने बिना शोर मचाए यह उपलब्धि हासिल की. इस तरह का कार्य करने के लिए समर्पण की आवश्यकता होती है. इसके बिना यह संभव नहीं होता. एक तरह से यह मौन साधना का भाव है. शिक्षा के प्रति भक्ति भाव से यह संभव होता है.

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मध्यप्रदेश के विद्यार्थियों, सभी शिक्षकों और मध्यप्रदेश सरकार को इस मौन साधना के लिए बहुत-बहुत बधाई दी. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्ष के जीवन को देखिए तो आप पाएंगे कि जिन लोगों ने आपके जीवन में सबसे ज्यादा प्रभाव डाला, आपकी माता जी और आपके शिक्षक जरूर होंगे. इसी तरह आपको भी अपने विद्यार्थियों के दिल में जगह बनानी है. आपकी शिक्षा देश का वर्तमान ही नहीं भविष्य भी सँवारे. आपकी दी गई शिक्षा समाज में भी परिवर्तन लाये. प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मध्यप्रदेश सरकार को बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति के कार्य के लिए पुन: बधाई देते हुए इस कार्य को अनूठी पहल बताया. उन्होंने विद्यार्थियों को शिक्षा देने में शिक्षकों के अहम योगदान का उल्लेख करते हुए शिक्षकों से आह्वान किया कि वे भले शिक्षा दें पर अपने अंदर के विद्यार्थी को न मरने दें.


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कई क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि आजादी के अमृत काल में देश में बड़े लक्ष्यों और नए संकल्पों को सामने रख कर कार्य किया जा रहा है. आज हर क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर बनाए जा रहे हैं. अलग-अलग क्षेत्रों में आज जिस तेज गति से अधो-संरचना निर्माण की रफ्तार है, उससे भी रोजगार की नई संभावनाएं बन रही हैं. प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि देश में अनेक स्थानों से वंदे भारत ट्रेन प्रारंभ की गई हैं. इनके प्रारंभ होने से कारोबारियों और आम लोगों को सुविधा हुई है. साथ ही पर्यटन विकास को बढ़ावा मिल रहा है.

वन स्टेशन वन प्रोडक्ट और एक जिला-एक उत्पाद जैसी योजनाओं से भी स्थानीय उत्पाद दूर-दूर तक पहुँच रहे हैं. मुद्रा योजना से भी उन लोगों को बड़ी मदद मिली है जो आर्थिक रूप से बहुत कमजोर थे. सरकार ने नीतिगत स्तर पर जो परिवर्तन किए हैं उसने भारत के स्टार्टअप के क्षेत्र में भी रोजगार के अनेक अवसर बनाए हैं. रोजगार और स्व-रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार का कौशल विकास पर भी विशेष जोर है.

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में युवाओं को ट्रेनिंग देने के लिए देश में कौशल विकास केंद्र खोले गए हैं. इस वर्ष के बजट में 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर खोलने का निर्णय लिया गया है. इनमें युवाओं को न्यू एज टेक्नालॉजी द्वारा ट्रेनिंग दी जाएगी. प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के जरिए छोटे कारीगरों को ट्रेनिंग देने के साथ एमएसएमई से भी जोड़ने की पहल की गई.

शिक्षकों पर भावी पीढ़ी के निर्माण का दायित्व : मुख्यमंत्री श्री चौहान

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आज का दिन अविस्मरणीय है. शिक्षक का सही नाम गुरू होता है. यहाँ मौजूद सभी शिक्षक गुरू हैं. गुरू वशिष्ठ और गुरू द्रोणाचार्य से लेकर अनेक ख्यातिनाम गुरू हुए. यदि कोई नौकरी के भाव से शिक्षक बनता है तो वह रोजगार की दृष्टि से महत्वपूर्ण है जो आवश्यक भी है, लेकिन गुरू का कार्य प्रोफेशन से आगे मिशन भाव से कार्य करना है. मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी विजनरी लीडर हैं. उनके दृढ़-संकल्प से एक सर्व सम्मत शिक्षा नीति-2020 भारत में आई है. इसके अंतर्गत ही शिक्षा व्यवस्थाएँ की जा रही हैं. मध्यप्रदेश का स्कूल शिक्षा और जनजातीय कार्य विभाग नवीन शिक्षा नीति अच्छी तरह लागू करने के लिए बधाई का पात्र है. मध्यप्रदेश राष्ट्रीय सर्वे में 17वें नंबर से 5वें नंबर तक आया है. यह दोनों विभागों के परिश्रम का परिणाम है. शिक्षकों पर भावी पीढ़ी के निर्माण का दायित्व है. इस वर्ष 22 हजार से अधिक शिक्षक नियुक्त किए गए हैं. इन सभी का स्वागत है और यह भी अपेक्षा है कि नव नियुक्त शिक्षक भावी पीढ़ी के निर्माण का दायित्व निभायें. शिक्षक होना सिर्फ एक नौकरी नहीं समाज को बनाने का भी कार्य है.

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने शिक्षकों से कहा कि यदि आपको बच्चों को सकारात्मक दिशा में बदलना है तो पहले स्वयं को बदलना होगा. मुख्यमंत्री ने एक मंदिर निर्माण में लगे तीन व्यक्तियों के अलग-अलग दृष्टिकोण का उदाहरण देते हुए कहा कि सबसे अच्छा दृष्टिकोण यह है कि यह सोच कर कार्य किया जाए कि इस कार्य का हमें शुभ अवसर या सुअवसर मिला है. मैं बेहतर से बेहतर योगदान दूंगा. मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बच्चे मिट्टी के लौंदे होते हैं, उन्हें शिक्षक जैसा चाहे बना सकते हैं. स्वयं के लिए गुरू बनने का संकल्प लेंगे तो बच्चों को बनाने, मध्यप्रदेश को बनाने और भारत को बनाने में सबसे बड़ा योगदान देंगे. आप नया मध्य प्रदेश और नया भारत गढ़ सकते हैं.

आचरण से ही हम सिखा सकते हैं सिर्फ भाषण से नहीं. चरित्रवान बच्चों के निर्माण से भारत बन कर खड़ा हो जाएगा. मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्वामी विवेकानंद के उस कथन का उल्लेख किया कि शिक्षा मनुष्य को मनुष्य बनाती है. शंकराचार्य जी ने भी शिक्षा को इस लोक और परलोक में भी सही दिशा देने में उपयोगी बताया था. मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि शिक्षा के तीन प्रमुख उद्देश्य हैं- विद्यार्थियों को ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार देना.

ऐसे बच्चे तैयार करें जो जमाना बदल दें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वे स्वयं शिक्षक की भूमिका में रहे हैं. प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर आज कल लाड़ली बहना योजना का पाठ पढ़ा रहे हैं. उन्होंने बताया कि महाविद्यालय में दर्शन शास्त्र में एमए के बाद वे अल्प समय के लिए शिक्षण कार्य से भी जुड़े रहे. इसके पहले बाल्य काल में जैत ग्राम में उन्होंने रामायण की चौपाइयों की व्याख्या और अर्थ बताने का कार्य करते हुए एक वक्ता की पहचान बनाई थी. यह ग्राम के विद्यालय में गुरू से प्राप्त मार्गदर्शन का ही परिणाम था. मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मध्यप्रदेश गान का निर्माण करने का भी उल्लेख किया जो सभी नागरिकों के लिए प्रेरक है. मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक का कार्यकाल औसत रूप से 30 साल माने तो हमें विचार करना चाहिए कि बेहतर गुरू बन कर ऐसे बच्चे तैयार करें जो जमाना बदल दें. शिक्षकों की भूमिका सार्थक होती है तो समाज भी शिक्षकों का आदर करता है और उनके चरण धोकर पीता है.

भैरूंदा के शिक्षकों के योगदान का उल्लेख, ग्राम के शिक्षक को भी याद किया

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भैरूंदा (नसरुल्लागंज) के शिक्षकों ने अपनी स्वयं की राशि से कक्षाओं को स्मार्ट क्लास बनाकर बच्चों को सहयोग दिया. यह शिक्षकों के सामाजिक योगदान का अनूठा उदाहरण है. मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अपने प्रायमरी के शिक्षक श्री रतन चंद जैन द्वारा दिए गए मार्गदर्शन का भी विशेष उल्लेख किया.

नव नियुक्त शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्यमंत्री श्री चौहान और अन्य अतिथियों ने शुभारंभ किया. मध्यप्रदेश गान के साथ कार्यक्रम शुरू हुआ. मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विभिन्न जिलों में पदस्थ किए गए कुछ शिक्षकों को प्रतीक स्वरूप नियुक्ति बधाई पत्र सौंपे. इन शिक्षकों में सुश्री शेफाली गुर्जर जिला सीहोर, श्री शुभम गुप्ता जिला नर्मदापुरम, श्री हुकुम चंद राठौर जिला राजगढ़, श्री राजेश घोटे जिला बैतूल, सुश्री ममता गोयल जिला देवास और श्री आनंद मीना जिला देवास शामिल हैं.

राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल और स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री इंदर सिंह परमार वर्चुअल जुड़े. जनजातीय कार्य मंत्री सुश्री मीना सिंह ने प्रारंभिक संबोधन दिया. कार्यक्रम में योग आयोग के अध्यक्ष श्री वेद प्रकाश शर्मा, पाठ्य-पुस्तक निगम के अध्यक्ष श्री शैलेंद्र बरूआ, महर्षि पतंजलि संस्थान के अध्यक्ष श्री भरत दास बैरागी, योग संस्था की अध्यक्ष सुश्री पुष्पांजलि शर्मा, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरूण शमी, प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य श्रीमती पल्लवी जैन गोविल, आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती अनुभा श्रीवास्तव और अन्य अधिकारी उपस्थित थे.


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