जम्मू, दो मार्च (भाषा) सात वर्षों में जम्मू-कश्मीर विधानसभा के पहले बजट सत्र से एक दिन पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रविवार को सदन के सुचारू संचालन पर चर्चा करने के लिए गठबंधन दलों की एक संयुक्त बैठक की अध्यक्षता की।
इस बैठक में कांग्रेस विधायक दल के नेता जी.ए. मीर और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) विधायक एम.वाई. तारिगामी ने भाग लिया।
इससे अलग अब्दुल्ला ने अपने आधिकारिक आवास पर नेशनल कॉन्फ्रेंस की विधायक दल की बैठक की अध्यक्षता की जिसके तुरंत बाद ही गठबंधन सहयोगियों के साथ यह बैठक हुई।
अब्दुल्ला द्वारा बुलाई गई बैठक में मीर के शामिल होने से पहले ‘रेजीडेंसी रोड’ स्थित पार्टी मुख्यालय में कांग्रेस विधायक दल की भी अलग से बैठक हुई।
बैठक के बाद पार्टी मुख्यालय में मीर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों दलों के लिए विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले अपने विधायक दल की बैठक बुलाना एक परंपरा है, ताकि सदन में उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा की जा सके।’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि वह सत्ताधारी गठबंधन के संयुक्त विधायक दल की बैठक में शामिल हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने श्रीनगर में आयोजित पिछले सत्र में पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया था और इसलिए देरी भाजपा नीत केंद्र सरकार की ओर से है जिसने इस मसले पर जम्मू-कश्मीर के लोगों से कई बार वादे किए हैं।
मीर ने कहा, ‘‘जब प्रधानमंत्री ने (जून 2021 में) जम्मू-कश्मीर के नेताओं की सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की थी तो हम सभी उनके इस बयान के गवाह थे कि पुनर्गठन के बाद परिसीमन, चुनाव किया जाएगा और फिर पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा। केंद्र को जम्मू-कश्मीर में सरकार बनने के बाद अपना वादा पूरा करना चाहिए था, लेकिन देरी उनकी तरफ से हो रही है।’’
मीर ने कहा कि कांग्रेस बार-बार कह रही है कि पिछले साल के विधानसभा चुनावों के दौरान राज्य का दर्जा बहाल करना सबसे बड़ा मुद्दा है और ‘‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) गठबंधन इसके लिए प्रतिबद्ध है। कांग्रेस ‘इंडिया’ में सबसे बड़ा घटक है और उसने अपनी कार्यसमिति की बैठक तथा चुनाव प्रचार के दौरान यह पहले ही स्पष्ट कर दिया है।’’
भाषा
खारी रंजन
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