नई दिल्ली: बिहार के मुज़फ्फरपुर में इंसेफेलाइटिस वायरस के प्रकोप से बच्चों के मरने का सिलसिला लगातार जारी है. पिछले दो हफ्ते में 108 से अधिक बच्चे मौत के मुंह में समा चुके हैं. दो हफ्ते से अधिक समय से लगातार मर रहे बच्चों की खोज खबर और व्यवस्था देखने से पहले ही मुख्यमंत्री ने चार लाख मुआवजे की घोषणा कर दी थी लेकिन आज पीड़ितों से मिलने अस्पताल पहुंचे हैं. जिला के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के साथ नीतीश कुमार ने सरकारी श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) का दौरा किया, जहां उन्होंने अपना इलाज करा रहे बच्चों और उनके परिजनों से मुलाकात की.
सीएम के दौरे के बाद एसकेएमसीएच के सुपरीटेंडेंट एस के शाही ने कहा कि मुख्यमंत्री ने मरीजों और उनके परिवार वालों से मुलाकात की. वह मौजूदा ईलाज की पद्धति से भी संतुष्ट दिखाई दिए. उन्होंने कहा कि 3 बजे प्रतिदिन बुलेटिन जारी करें.
नीतीश के खिलाफ स्थानीय लोग कर रहे हैं प्रदर्शन
खबर लगते ही कि मुख्यमंत्री आए हैं स्थानीय लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. लगातार हो रही मौत से बिहार प्रशासन ने आंख और कान दोनों ही बंद कर रखी थी. बता दें कि लोग मांग कर रहे हैं कि नीतीश कुमार वापस जाएं, अब क्यों आए हैं. श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सुपरीटेंडेंट सुनील कुमार शाही ने बताया कि अस्पताल में करीब 330 बच्चे दाखिल हुए थे जिसमें से 100 बच्चे अभी तक डिस्चार्ज किए जा चुके हैं वहीं 88 बच्चों को हम नहीं बचा सके.
बता दें कि सोमवार को बिहार में लगातार इंसेफेलाइटिस वायरस की वजह से बच्चों की मौत की बढ़ती संख्या को देखते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और बिहार सरकार से विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एक नोटिस जारी किया है.
Chief Minister of Bihar, Nitish Kumar visited Sri Krishna Medical College and Hospital in #Muzaffarpur, today; 89 children have died due to AES at the hospital. pic.twitter.com/g6HwvQMrs3
— ANI (@ANI) June 18, 2019
एनएचआरसी ने भेजा नोटिस
एनएचआरसी ने पिछले कुछ दिनों में मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) की वजह से बच्चों की मौत की बढ़ती संख्या वाली मीडिया रपटों पर स्वत: संज्ञान लिया है.
मानवधिकार आयोग ने कहा कि सोमवार को बिहार में एईएस से मरने वाले बच्चों की संख्या बताया जा रहा है कि बढ़कर 100 हो गई है.
ऐसी भी रिपोर्टें हैं कि मुजफ्फरपुर को छोड़कर राज्य के कुछ अन्य जिले भी इससे प्रभावित हुए हैं.
अयोग ने इस बाबत विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. आयोग ने इसके साथ ही जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस/ एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एनपीपीसीजेए) की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम के कार्यान्वयन की स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी है.
आयोग ने जानना चाहा है कि अस्पताल में भर्ती बच्चों को किस प्रकार की इलाज मुहैया कराई जा रही है और पीड़ित परिवार को राज्य द्वारा किस प्रकार की सहायता उपलब्ध कराई गई है.
आयोग ने इस बाबत चार हफ्तों में जवाब मांगा है.
आयोग ने देखा कि सरकारी एजेंसियों द्वार कथित रूप से अपनाए गए उपाय के बावजूद, इतनी बड़ी संख्या में बच्चों की मौत दिखाती है कि टीकाकरण और जागरूकता कार्यक्रमों में संभावित खामियां रह गई हैं.
#WATCH Locals hold protest outside Sri Krishna Medical College and Hospital in Muzaffarpur as Bihar CM Nitish Kumar is present at the hospital; Death toll due to Acute Encephalitis Syndrome (AES) is 108. pic.twitter.com/N1Bpn5liVr
— ANI (@ANI) June 18, 2019
मीडिया रपटों के अनुसार, मुजफ्फरपुर में सरकारी श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एसकेएमसीएच) में 88 बच्चों की मौत हो चुकी है. इस वर्ष अबतक केजरीवाल मातृसदन में भी 27 मौतें हो चुकी है. रपटों के मुताबिक, दोनों अस्पतालों में मौजूदा समय में 115 रोगियों का इलाज चल रहा है.
रपटें यह भी कहती हैं कि राज्य स्वास्थ्य मंत्री ने बड़ी संख्या में डॉक्टरों और पारामेडिकल कर्मचारियों को पटना से मुजफ्फरपुर भेजा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने रविवार को एसकेएमसीएच का दौरा भी किया था.