(तस्वीरों के साथ)
नयी दिल्ली, 22 फरवरी (भाषा) केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने पश्चिम बंगाल में एक टेलीविजन चैनल के पत्रकार की गिरफ्तारी पर बृहस्पतिवार को गंभीर आपत्ति जताई और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से यह सुनिश्चित करने की अपील की कि राज्य में मीडिया का दमन नहीं हो।
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ठाकुर ने पत्रकार की गिरफ्तारी को दुर्भाग्यपूर्ण और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का अपमान करार दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री से यह सुनिश्चित करने को कहा कि ऐसी घटनाएं भविष्य में दोबारा नहीं हों क्योंकि इससे भारत की वैश्विक रैंकिंग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
ठाकुर ने कहा, ‘‘एक ओर पश्चिम बंगाल में महिलाएं सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हैं और दूसरी ओर मीडिया भी असुरक्षित महसूस कर रहा…संदेशखालि में मीडिया का दमन किया गया, (पत्रकार) गिरफ्तार किया गया। यह निंदनीय है, यह दोबारा नहीं होना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि यह ममता बनर्जी सरकार की जिम्मेदारी है और सभी राज्य सरकार प्रेस की आजादी को अक्षुण्ण रखें क्योंकि कानून व्यवस्था उनकी जिम्मेदारी है।
ठाकुर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के लिए सही नहीं है, यह चौथे स्तंभ का अपमान है। यह मीडिया के अधिकारों पर रोक है…निश्चित तौर पर ऐसा नहीं होना चाहिए। मेरा ममता बनर्जी से अनुरोध है कि ऐसी चीजें दोबारा नहीं होनी चाहिए।’’
ठाकुर ने कहा, ‘‘प्रेस की स्वतंत्रता मीडिया का अधिकार है और इसे कुचला नहीं जाना चाहिए। ये मेरी ममता बनर्जी से अपील है।’’उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की घटनाएं भारत की रैंकिंग खराब करती है।’’
रिपब्लिक बांग्ला चैनल के पत्रकार शांतु पान को सोमवार को संदेशखालि से गिरफ्तार किया गया था।
ठाकुर ने ममता बनर्जी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि संदेशखालि की घटना ने देश के कोने-कोने में संदेश दिया है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शासन के तहत महिलाएं अत्याचार का सामना कर रही हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल में पहले भी ऐसी घटनाएं हुई थीं। उन्होंने ममता बनर्जी से यह सुनिश्चित करने को कहा कि ‘‘भविष्य में राज्य में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार नहीं होगा और मीडिया को कुचला नहीं जाएगा। ’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार मीडिया के लिए ‘व्यापार सुगमता’सुनिश्चित करने के प्रयास कर रही है, लेकिन अगर किसी राज्य में पत्रकारों पर अत्याचार होता है तो ऐसे सभी प्रयासों का कोई फायदा नहीं होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं यही कहूंगा कि ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए। मेरा ममता बनर्जी से यही अनुरोध है कि यह संदेश नहीं जाना चाहिए कि पुलिस मीडियाकर्मियों पर ज्यादती कर रही है और उन्हें ईमानदारी से रिपोर्टिंग नहीं करने दे रही है। ऐसा नहीं लगना चाहिए कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गयी है।’’
ठाकुर ने कहा, ‘‘ आइए साथ आएं और देश में ऐसा माहौल बनाएं जहां भारतीय मीडिया, जो पहले से ही स्वतंत्र है, और अधिक मजबूत हो और पूरी दुनिया में अपना दबदबा बनाए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें उस दिशा में काम करना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय हमेशा मीडिया की मदद करने और व्यापार सुगमता प्रदान करने के साथ-साथ उन्हें सुरक्षा देने के लिए खड़ा है ताकि वे ‘‘स्वतंत्र रूप से और निर्भीक होकर बिना किसी बंदिश’’ पत्रकारिता कर सकें।
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में स्थित संदेशखालि में तनाव व्याप्त है जहां बड़ी संख्या में महिलाओं ने राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख और उसके समर्थकों पर जमीन पर कब्जा करने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक टीम पांच जनवरी को राशन घोटाले के सिलसिले में छापेमारी करने शाहजहां शेख के आवास पर गई थी। ईडी की टीम पर भीड़ ने हमला कर दिया था। इसके बाद से शाहजहां फरार है।
शेख के दो सहयोगियों और अन्य पर सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के प्रयास से संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। शेख के दोनों सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
भाषा धीरज अविनाश
अविनाश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.