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गुरूवार, 29 मई, 2025
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मुख्यमंत्री ने ‘विकसित कृषि संकल्प’ अभियान की शुरुआत की

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देहरादून, 29 मई (भाषा) मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बृहस्पतिवार को उत्तराखंड में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की शुरुआत करते हुए कहा कि अभियान के तहत कृषि वैज्ञानिक और अधिकारी राज्य के 95 विकासखंडों, 670 न्याय पंचायतों और 11440 गांवों में जाकर किसानों से संवाद करेंगे।

यहां गुनियाल गांव से इस अभियान की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अभियान के अंतर्गत 29 मई से 12 जून तक देशभर के 700 से अधिक जिलों में 2000 से अधिक वैज्ञानिक दलों द्वारा डेढ़ करोड़ किसानों के साथ संवाद स्थापित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस अभियान के लिए प्रत्येक जिले में तीन टीमें गठित की गई हैं जो प्रतिदिन तीन स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित करेंगी और ऐसे प्रत्येक कार्यक्रम में 600 से अधिक किसानों के साथ संवाद किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अभियान के माध्यम से किसानों को उनकी भूमि, जलवायु और ज़रूरत के अनुसार उन्नत कृषि तकनीकों की जानकारी देने के साथ-साथ मृदा परीक्षण के आधार पर लाभकारी फसलों के चयन के लिए भी प्रशिक्षित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इसके साथ ही, कृषि, पशुपालन, बागवानी जैसी योजनाओं की भी जानकारी उन्हें उपलब्ध कराई जाएगी ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दौरान किसानों के अनुभव, पारंपरिक ज्ञान, नवाचार और सुझावों को भी इकट्ठा किया जाएगा जिससे भविष्य में वैज्ञानिक शोधों को और अधिक व्यावहारिक बनाया जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि यह अभियान राज्य के कृषि क्षेत्र को आधुनिकता और नवाचार के माध्यम से नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के साथ-साथ अन्नदाताओं को सशक्त और समृद्ध बनाने की दिशा में भी मील का पत्थर सिद्ध होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश ‘विकसित राष्ट्र’ के संकल्प को साकार करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है ।

उन्होंने कहा कि राज्य में किसानों को तीन लाख रुपये तक का ऋण बिना ब्याज के दिया जा रहा है जबकि कृषि उपकरणों की खरीद पर उन्हें 80 फीसदी तक की सब्सिडी दी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चाय बागान धौलादेवी, मुन्स्यारी और बेतालघाट को जैविक चाय बागान के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है जबकि राज्य में छह ‘एरोमा वैली’ विकसित की जा रही हैं।

उन्होंने बताया कि इस बार के बजट में 200 करोड़ रुपये का प्रावधान विशेष रूप से पॉलीहाउस निर्माण के लिए किया गया है जबकि पहाड़ी क्षेत्रों में वर्षा आधारित खेती को बढ़ाने के लिए करीब 1,000 करोड़ रुपये की लागत से ‘उत्तराखंड क्लाइमेट रिस्पॉन्सिव रेन-फेड फार्मिंग प्रोजेक्ट’ भी स्वीकृत किया गया है।

उन्होंने कहा कि हाल में राज्य सरकार ने 1200 करोड़ रुपये की लागत से नई सेब नीति, कीवी नीति, ’स्टेट मिलेट मिशन’ और ’ड्रैगन फ्रूट नीति’ जैसी कई महत्वपूर्ण योजनाओं को लागू किया है।

भाषा दीप्ति नोमान

नोमान

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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