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Tuesday, 24 December, 2024
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मुख्यमंत्री चौहान ने ब्लॉग लिखकर किया लता मंगेशकर से जुड़ी स्मृतियों का जिक्र

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भोपाल, सात फरवरी (भाषा) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को स्वर कोकिला लता मंगेशकर से जुड़ी स्मृतियों का जिक्र करते हुए ब्लॉग लिखा।

उन्होंने लिखा, “लता जी की वाणी और शब्दों में जो अपनापन और स्नेहभाव था, वह मैं कभी भूल नहीं सकता हूं।”

इंदौर में 28 सितंबर 1929 को जन्मीं लता मंगेशकर का 92 साल की उम्र में मुंबई के एक अस्पताल में रविवार को निधन हो गया था।

अपने ब्लॉग में चौहान ने लिखा, ‘‘लता दीदी का जाना विश्व संगीत जगत की अपूरणीय क्षति। मेरे लिए एक व्यक्तिगत क्षति।’’

उन्होंने लिखा, ‘‘वर्ष 2017 में मैंने नर्मदा सेवा यात्रा और पर्यावरण संरक्षण के लिए लोगों को संदेश पहुंचाने का आग्रह किया था। इस नर्मदा सेवा यात्रा को लेकर करीब 20 मिनट फोन पर मेरी लता जी से बातचीत हुई थी।’’

चौहान ने कहा कि उन्होंने (लता ने) नर्मदा सेवा यात्रा के बारे में विस्तार से उनसे जानकारी प्राप्त की और उनके प्रयासों की प्रशंसा की।

उन्होंने कहा कि बातचीत के दौरान मध्यप्रदेश और नर्मदा नदी को लेकर लता दीदी भावुक हो गईं थी।

चौहान ने कहा, ‘‘लता ने मुझसे कहा था कि नर्मदा यात्रा में शामिल होने की बहुत इच्छा रखती हूं, किंतु स्वास्थ्य मुझे इस बात की अनुमति नहीं दे रहा।’’

उन्होंने कहा कि लता दीदी ने पर्यावरण संरक्षण और मां नर्मदा की सेवा करने के लिए मुझे शुभकामनाएं और आशीर्वाद दिया।

चौहान ने कहा, ‘‘उनकी वाणी और शब्दों में जो अपनापन और स्नेहभाव था, वह मैं कभी भूल नहीं सकता हूं। उनकी आत्मीयता का वह अहसास मेरे लिए एक अमूल्य निधि है।’’

चौहान ने प्रदेश की ‘जीवन रेखा’ नर्मदा नदी को प्रदूषण मुक्त करने, नदी के प्रवाह को अविरल बनाये रखने और नर्मदा कछार क्षेत्र में जैव-विविधता के संरक्षण के प्रति जन-मानस को जागरूक करने के लिये 11 दिसंबर 2016 से 15 मई 2017 तक नर्मदा के दोनों तटों पर मध्यप्रदेश के 16 जिलों में ‘नर्मदा सेवा यात्रा’ भी निकाली थी।

उन्होंने कहा कि लता दीदी मध्यप्रदेश की बेटी थीं। मध्यप्रदेश उनकी कर्मभूमि भले ही नहीं रहा, लेकिन उनका दिल हमेशा मध्यप्रदेश के लिए धड़कता था। उन्हें मां सरस्वती का वरदान प्राप्त था।

चौहान ने आगे लिखा, ‘‘लता दीदी एक महान सुर-साधक होने के साथ ही महान राष्ट्रभक्त थीं। उनकी राष्ट्रभक्ति, उनकी स्वर-साधना में हमेशा मुखरित होती रही।”

भाषा रावत प्रशांत

प्रशांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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