कोलकाता, 25 अक्टूबर (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे कोलकाता और उलुबेरिया के सरकारी अस्पतालों में एक नाबालिग और एक चिकित्सक के साथ कथित छेड़छाड़ की घटनाओं के बाद राज्य भर के सभी चिकित्सा प्रतिष्ठानों में मरीजों, आगंतुकों और डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
इस संबंध में एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि बनर्जी ने फोन पर एक उच्चस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए अधिकारियों को ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए हरसंभव उपाय करने का निर्देश दिया।
उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि इलाज के लिए आने वाले किसी भी व्यक्ति का उत्पीड़न किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने प्रशासन को ऐसे अपराधों के प्रति ‘कतई बर्दाश्त नहीं’ का दृष्टिकोण अपनाने का भी निर्देश दिया।’’
बनर्जी के पास स्वास्थ्य विभाग का प्रभार भी है। उन्होंने विभाग को अस्पतालों में मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने और जहां भी आवश्यक हो, उसे मजबूत करने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘इसमें सुरक्षाकर्मियों के लिए बेहतर प्रशिक्षण, सीसीटीवी कैमरे लगाना, उनकी निगरानी, और मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अन्य बुनियादी ढांचागत और प्रशासनिक कदम शामिल हैं।’’
मुख्य सचिव मनोज पंत द्वारा बुलाई गई उच्चस्तरीय बैठक में पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार, स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम और अन्य सहित राज्य स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
अधिकारी ने कहा, ‘‘बैठक में उपस्थित अधिकारियों से कहा गया कि वे निर्देशों को लागू करने के लिए यथाशीघ्र कार्ययोजना प्रस्तुत करें।’’
बुधवार रात सरकारी एसएसकेएम अस्पताल में एक किशोरी के साथ सरकारी अस्पताल के पूर्व ग्रुप डी कर्मचारी ने कथित तौर पर छेड़छाड़ की।
आरोपी को बुधवार रात धापा से गिरफ्तार किया गया और उसके खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया।
हावड़ा जिले के उलुबेरिया में, शरत चंद्र चट्टोपाध्याय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की एक जूनियर महिला डॉक्टर के साथ मरीजों के रिश्तेदारों ने कथित तौर पर छेड़छाड़ की और सामूहिक बलात्कार की धमकी दी। बाद में, पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया।
भाषा तान्या नेत्रपाल
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