नयी दिल्ली, 21 मई (भाषा) प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई ने बुधवार को न्यायमूर्ति अभय एस ओका की न्यायपालिका में उनके योगदान के लिए सराहना की और उन्हें ‘‘काम के प्रति समर्पित व्यक्ति’’ बताया।
न्यायमूर्ति ओका के लिए बुधवार को ‘सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन’ (एससीएओआरए) द्वारा विदाई समारोह आयोजित किया गया, क्योंकि उनकी सेवानिवृत्ति के दिन शीर्ष अदालत में ग्रीष्मकालीन अवकाश होगा, जिसे ‘‘अवकाशकालीन अदालती कार्य दिवस’’ नाम दिया गया है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधान न्यायाधीश ने न्यायमूर्ति ओका के साथ अपने संबंधों को याद करते हुए कहा कि वे 40 वर्षों से मित्र हैं, मुंबई में एक ही लॉ कॉलेज में पढ़े हैं और एक ही समय पर वकालत शुरू की थी।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘वह पूरी तरह से काम के प्रति समर्पित हैं। मैं ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा, क्योंकि मुझे कल बोलना है। आप सभी कल (सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित विदाई समारोह में) वहां होंगे…इसलिए मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं, मैं जानता हूं कि वह जो भी निर्णय लेंगे, उन्होंने सेवानिवृत्ति के बाद खुद को परामर्श तक सीमित रखने का निर्णय लिया है। मुझे यकीन है कि उनकी सेवानिवृत्ति सिर्फ सेवानिवृत्ति नहीं होगी, बल्कि एक नए सफर की शुरुआत होगी।’’
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि मुंबई और दिल्ली में न्यायमूर्ति ओका के काम की प्रकृति उन्हें हमेशा व्यस्त रखेगी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने सभी सहयोगियों की ओर से उन्हें शुभकामनाएं देता हूं।’’
न्यायमूर्ति ओका ने अपने संबोधन में प्रधान न्यायाधीश गवई को ‘‘सच्चा लोकतंत्रवादी’’ बताते हुए उनकी प्रशंसा की।
न्यायमूर्ति ओका ने कहा, ‘‘आपको याद रखना चाहिए कि वह एक सच्चे लोकतंत्रवादी हैं। इसलिए उनके पदभार ग्रहण करने के अगले दिन ही हमने पूर्ण पीठ की बैठक की और कई निर्णय लिए गए, जिसमें पत्रों के चलन को बहाल करने का निर्णय भी शामिल था। इसलिए उन्होंने शपथ लेने के दूसरे दिन ही उपहार दे दिया और मुझे विश्वास है कि इसके बाद और भी कई उपहार दिए जाएंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पूर्ववर्ती प्रधान न्यायाधीश ने उच्चतम न्यायालय को एक नयी दिशा दी, और मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं, क्योंकि मैं प्रधान न्यायाधीश गवई को इतनी अच्छी तरह जानता हूं कि वह पारदर्शिता के पथ पर उस यात्रा को आगे ले जाने वाले हैं।’’
न्यायमूर्ति ओका ने कहा कि वह उच्चतम न्यायालय की इस परंपरा से सहमत नहीं हैं कि सेवानिवृत्त न्यायाधीश अपने अंतिम दिन न्यायालय में काम नहीं करेंगे। न्यायमूर्ति ओका ने कहा कि उन्होंने बृहस्पतिवार को अदालत में बैठने के लिए प्रधान न्यायाधीश से अनुमति मांगी है।
भाषा आशीष पवनेश
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