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Saturday, 21 December, 2024
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छत्तीसगढ़ : नक्सली कमांडर की सर्दी, खांसी और बुखार से मृत्यु, कोरोनावायरस का ग्रामीणों में खौफ

दिप्रिंट को मिली जानकारी के अनुसार 5 लाख रुपए के इनामी नक्सली रमेश मड़काम की मृत्यु सर्दी, खांसी , बुखार और सांस लेने में तकलीफ़ के चलते शानिवर की शाम हो गयी थी.

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रायपुर :छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में शानिवर को बुखार, सर्दी, खांसी और सांस की तकलीफ से एक इनामी नक्सली कमांडर की मौत पुलिस और प्रशासन के लिए पहेली बन गई है. लेकिन सुकमा जिला प्रशासन और पुलिस के अनुसार शव अभी बरामद नही हुआ है.

दिप्रिंट को मिली जानकारी के अनुसार 5 लाख रुपए के इनामी नक्सली रमेश मड़काम की मृत्यु सर्दी, खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ़ के चलते शानिवर की शाम हो गयी थी. अनौपचारिक तौर पर जानकारी साझा करते हुए कुछ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मौत के बाद नक्सली कमांडर के साथियों ने उसका शव उसके जगरगुंडा थाना के अंतर्गत पालमपाड़ गांव में परिजनों को सौंप दिया. लेकिन ग्रामीण नक्सलियों के डर से खुलकर कुछ नहीं कह रहे हैं.

दिप्रिंट द्वारा संपर्क किए जाने पर सुकमा के पुलिस अधीक्षक सलभ कुमार सिन्हा ने नक्सली कमांडर के मृत्यु की पुष्टि की लेकिन बीमारी के बारे में अनभिज्ञता जाहिर किया है. उन्होंने बताया कि, मृतक नक्सली दोरनापाल लोकल आर्गेनाईजेशन स्क्वाड (एलओएस) का कमांडर था. नक्सली कई दिनों से बीमार चल रहा था लेकिन इलाज नहीं करवा पा रहा था. उसके कोविड संक्रमण की पुष्टि जांच होने पर ही की जा सकती है लेकिन अभी शव बरामद नही हो पाया है. बीमारी की खबर मिली तो पुलिस ने उस क्षेत्र में कई बार दबिश दी लेकिन वह वहां नहीं मिला. ऐसा सुनने में आया है कि एक सप्ताह पहले यह नक्सली अपने घर आया था लेकिन मौत कहां हुई इसका पता नही चल पाया है. राज्य पुलिस और केंद्रीय सुरक्षाबलों को अलर्ट कर दिया गया हैं. शव निलने पर उसका कोविड टेस्ट किया जाएगा.’


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सिन्हा ने मृतक नक्सली की बीमारी के लक्षण की जानकारी से भी इनकार किया लेकिन कहा कि यदि नक्सली के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि होती है तो गांव में उसकी अंत्योष्टि कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार ही करना पड़ेगा.’

नाम सार्वजनिक न करने की शर्त पर एक सुकमा जिले के वरिष्ट प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि ‘पालमपाड़ गांव जगरगुंडा पुलिस थाने से करीब दस किलोमीटर दूर एक धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र है जहां सुरक्षाबल बिना किसी प्लानिंग के नही जाते. स्थनीय पुलिस वहां सामान्य तौर पर नही जाती लेकिन स्वास्थ्य विभाग और डॉक्टरों का दल जांच के लिए भेजा जा सकता है. हालांकि इस दिशा में प्रयास जारी है.’

एक अन्य पुलिस अधिकारी का कहना है कि, ‘रमेश मड़काम 4-5 दिन पहले तक दंतेवाड़ा के पोटाली और चिकपाल क्षेत्र में बीमारी हालात में देखा गया था. लेकिन बाद में वह अपने गांव चला गया. वहीं पर उसकी मृत्यु हो गई.’

हालांकि सुकमा के जिला कलेक्टर चंदन कुमार ने बताया कि ‘मामले की जानकारी ली जा रही है और आवश्यकता पड़ने पर ग्रामीणों की सुरक्षा के सभी इंतेजाम किए जाएंगे. नक्सली के मृत्यु का वास्तविक कारण नही पता चल पाया है. उसके शव की तलाश जारी है. शव मिलने पर आवश्यता अनुसार कोरोना टेस्ट भी किया जाएगा.’

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