बीजापुर, पांच जून (भाषा) छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में 40 लाख रुपये के इनामी माओवादी नेता नरसिंह चालम उर्फ सुधाकर को मार गिराया है। पुलिस अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
पिछले महीने बस्तर क्षेत्र में सुरक्षाबलों द्वारा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू को मार गिराए जाने के बाद इस कार्रवाई से माओवादियों को एक और बड़ा झटका लगा है।
बस्तर क्षेत्र में तैनात पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र के जंगल में उस समय गोलीबारी हुई जब सुरक्षाबलों का एक संयुक्त दल नक्सलियों के वरिष्ठ कैडरों की मौजूदगी के बारे में सूचना मिलने के आधार पर नक्सल विरोधी अभियान पर निकला था।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि बुधवार को शुरू किए गए इस संयुक्त अभियान में छत्तीसगढ़ पुलिस की दोनों इकाइयां, जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की कोबरा बटालियन के जवान शामिल थे।
अधिकारी ने बताया कि माओवादी नेता सुधाकर, तेलंगाना राज्य समिति के सदस्य बंदी प्रकाश, दंडकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिति (डीकेएसजेडसी) के सदस्य पप्पा राव और कुछ अन्य सशस्त्र कैडरों की मौजूदगी के बारे में मिली सूचना के आधार पर यह अभियान शुरू किया गया।
उन्होंने बताया कि जब सुरक्षाबलों के जवान जंगल में थे तभी अचानक नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसका सुरक्षाबलों ने जवाब दिया। जब गोलीबारी बंद हुई तब घटनास्थल से एक माओवादी का शव और एक एके-47 राइफल बरामद की गयी।
अधिकारी ने बताया कि 67 वर्षीय सुधाकर को आनंद, चंति बालकृष्ण, रामाराजू, अरविंद, सोमन्ना के नाम से भी जाना जाता था और वह आंध्र प्रदेश के पश्चिमी गोदावरी जिले के प्रागदावरम गांव का निवासी था।
उन्होंने बताया कि माओवादियों की केंद्रीय समिति का सदस्य सुधाकर, प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के सर्वोच्च शासी निकाय, क्रांतिकारी राजनीतिक स्कूल और केंद्रीय क्षेत्रीय ब्यूरो (सीआरबी) का भी प्रभारी था।
बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया, ‘सुधाकर कई हिंसक घटनाओं के लिए जिम्मेदार था, जिसके परिणामस्वरूप कई निर्दोष आदिवासी नागरिकों की मौत हुई थी और सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे। इसके अलावा, माओवादी वैचारिक प्रशिक्षण स्कूल के प्रभारी के रूप में वह हिंसक और राष्ट्र-विरोधी विचारधाराओं के साथ युवाओं को गुमराह करने और उन्हें कट्टरपंथी बनाने में शामिल था।’
सुंदरराज ने कहा, ‘उसकी मौत सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी सफलता है और माओवादी नेतृत्व के लिए एक बड़ा झटका है। उसके मारे जाने से प्रतिबंधित और गैरकानूनी माओवादी संगठन की पहले से ही कमजोर होती ताकत को काफी बड़ा झटका लगने की उम्मीद है।’
उन्होंने कहा कि अन्य माओवादियों को तलाश करने के लिए क्षेत्र में तलाशी अभियान अभी भी जारी है।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि अभियान समाप्त होने के बाद इस संबंध में अधिक जानकारी साझा की जाएगी।
गौरतलब है कि 21 मई को नारायणपुर-बीजापुर सीमा पर सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में शीर्ष माओवादी नेता बसवराजू (70) और 26 अन्य नक्सली मारे गए थे। आज की कार्रवाई के साथ ही इस साल अब तक छत्तीसगढ़ में अलग-अलग मुठभेड़ों में अब तक 203 नक्सली मारे जा चुके हैं। इनमें से 186 बस्तर संभाग में मारे गए, जिसमें बीजापुर जिला भी शामिल हैं।
पिछले वर्ष जनवरी से अब तक बस्तर संभाग में अलग-अलग मुठभेड़ों में 403 से अधिक माओवादी मारे जा चुके हैं।
भाषा
सं, संजीव, रवि कांत रवि कांत
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