रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार के स्वास्थ्य विभाग में नशा करने वालों विशेषकर तंबाकू और तंबाकू के उत्पादों की लत के उम्मीदवारों को नौकरी मिलने की उम्मीद कम है. सरकार ने निर्णय लिया है कि विभाग में होने वाली भर्तियों में नशा करने वालों की विशेष जांच की जाएगी और चयनित लोगों को एडवाइजरी जारी होगी.
सरकार के मुताबिक तंबाकू, उसके उत्पादों और दूसरे नशा करने वालों के खिलाफ दंडनात्मक कार्यवाही का भी प्रावधान किया जाएगा.
दिप्रिंट से बात करते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने बताया कि सरकार द्वारा पहले लिए गए एक निर्णय के अनुसार राज्य शासन के सभी विभागों को नशा मुक्त बनाना है.
उन्होंने कहा, ‘छत्तीसगढ़ सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) की गाइडलाइन के मुताबिक राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों के लिए कार्यालय में तंबाकू, तंबाकू के उत्पाद या अन्य नशे की लत प्रतिबंधित है. इसी आदेश के तहत अब विभाग द्वारा निर्णय लिया गया है कि भविष्य में होने वाली नियुक्तियों में अभ्यार्थियों में नशे की लत का परीक्षण भी किया जाएगा और नियुक्ति से पहले उनको किसी प्रकार का नशा न करने की लिखित एडवाइजरी भी दी जाएगी.’
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘एडवाइजरी में काम के दौरान नशा करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई भी निर्धारित होगी. हालांकि नियुक्ति की यह शर्त अभी सिर्फ स्वास्थ्य विभाग में लागू की जा रही है, भविष्य में दूसरे विभागों में भी लागू किया जा सकता है.’
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एनएचएम भर्ती में तंबाकू की लत वालों को पहले अयोग्य घोषित किया, अब संशोधन की बात
करीब 200 पदों पर भर्ती के लिए सरगुजा जिले में नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति में अभ्यार्थियों का तंबाकू या तंबाकू उत्पाद का सेवन न करना सामान्य शर्तों और दिशानिर्देशों में रखा गया है. भर्ती की शर्त के अनुसार तंबाकू की लत वाले उम्मीदवारों को चयन प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाएगा. हालांकि मामले में स्वास्थ्य मंत्री के हस्तक्षेप के बाद अधिकारियों का अब कहना है कि विज्ञप्ति में संशोधन किया जाएगा.
सिंह देव के अनुसार, ‘सरगुजा जिले में जारी नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) की भर्ती विज्ञप्ति में यह शर्त अनुचित है. भर्ती सामान्य नियमानुसार ही होगी.’
उन्होंने कहा, ‘सरगुजा के सीएमएचओ द्वारा यह विज्ञप्ति स्वास्थ्य विभाग के टोबैको एब्यूज अनुभाग द्वारा कंसल्टेशन के बाद जारी किया गया है. इससे कानूनी अड़चन भी आ सकती है. इसे ठीक किया जाएगा. लेकिन भर्ती के दौरान नशे की लत की जांच उचित मापदंडों के अनुसार की जाएगी.’
सरगुजा के सीएमएचओ पीएस सिसोदिया ने दिप्रिंट को बताया, ‘उम्मीदवारों का चयन निर्धारित सामान्य प्रक्रिया के अंतर्गत ही किया जाएगा. भर्ती के लिए तंबाकू और उसके उत्पाद के व्यसन से सबंधित शर्त रखने का मुख्य उद्देश्य लोगों में नशे की लत के दुष्परिणाम से अगाह करना था. इसके साथ ही कार्यालय का कामकाजी वातावरण स्वस्थ्य रखना था. लेकिन व्यावहारिक परेशानियों के चलते इसे संशोधित किया जाएगा.’
बता दें कि एनएचएम द्वारा जारी इस भर्ती विज्ञप्ति में राज्य में ऐसा पहली बार हो रहा है जब शैक्षणिक योग्यताओं के अलावा तंबाकू का सेवन न करना चयन प्रक्रिया की शर्तों और निर्देशों में शामिल किया गया है. हालांकि राज्य सरकार के सेवा आचरण में नशा गैरकानूनी माना गया है.
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