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बुधवार, 30 अप्रैल, 2025
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छत्तीसगढ़ : बीएड डिग्री वाले शिक्षकों को सहायक शिक्षक के पद पर समायोजित करने का फैसला

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रायपुर, 30 अप्रैल (भाषा) छत्तीसगढ़ सरकार ने सेवा समाप्त किए गए बीएड डिग्री धारक शिक्षकों को सहायक शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला) के पद पर समायोजित करने का फैसला किया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित की गई। बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद की बैठक में सीधी भर्ती 2023 में नियुक्ति के बाद सेवा समाप्त किये गये 2,621 बीएड अर्हताधारी सहायक शिक्षकों के हित में महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए उनका अंतरविभागीय समिति की अनुशंसा के अनुसार सहायक शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला) के पद पर समायोजन करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग को अधिकृत किया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि अंतरविभागीय समिति की अनुशंसा के अनुसार हटाए गए बीएड अर्हताधारी 2,621 सहायक शिक्षकों को सहायक शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला) के राज्य में रिक्त 4,422 पदों में समायोजित किया जाएगा। समायोजन गैर विज्ञापित पदों पर किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि कला/विज्ञान संकाय से 12वीं कक्षा उत्तीर्ण सहायक शिक्षकों को निर्धारित अर्हता (12वीं गणित/विज्ञान) पूरी करने के लिए तीन वर्ष की अनुमति दी जाएगी साथ ही इन अभ्यर्थियों को प्रयोगशाला कार्य के संबंध में एससीईआरटी के माध्यम से दो माह का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।

अधिकारियों ने बताया कि समायोजन के लिए जिलों की प्राथमिकता में पहले राज्य के अनुसूचित क्षेत्र के जिलों के रिक्त पदों पर उसके बाद सीमावर्ती जिलों के रिक्त पदों पर तथा बाद में अन्य जिलों में समायोजन किया जाएगा।

राज्य सरकार ने पिछले वर्ष दो अप्रैल को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए प्राथमिक विद्यालयों के इन सहायक शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया था। तब से यह शिक्षक लगातार आंदोलन कर रहे थे।

राज्य सरकार ने इन बर्खास्त शिक्षकों की मांगों पर विचार करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक अंतरविभागीय समिति का गठन किया था। बर्खास्त सहायक शिक्षक शिक्षा विभाग में रिक्त पदों पर समायोजन की मांग कर रहे थे।

उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ राज्य के सुदूर अनुसूचित और ग्रामीण क्षेत्रों में जहां यात्री परिवहन की सुविधा कम है, वहां आम जनता को सुलभ परिवहन सेवा उपलब्ध कराने के लिए ‘मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सुविधा योजना’ शुरू करने का फैसला किया है।

अधिकारियों ने बताया कि इस योजना के तहत हल्के/मध्यम परिवहन मोटरयान 18 से 42 बैठक क्षमता (चालक को छोड़कर) के वाहन को अनुज्ञा पत्र और सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। नए ग्रामीण मार्गों के निर्धारण के लिए राज्य और जिला स्तर पर समिति का गठन किया जाएगा। अनुज्ञा का लाभ छत्तीसगढ़ राज्य के स्थानीय निवासियों को मिलेगा, जिसमें अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिलाओं तथा नक्सल प्रभावितों को प्राथमिकता दी जाएगी।

उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत संचालित विभिन्न श्रेणी के वाहनों को राज्य शासन द्वारा प्रथम वर्ष 26 रूपये प्रति किलोमीटर, द्वितीय वर्ष 24 रुपये प्रति किलोमीटर तथा तृतीय वर्ष 22 रुपये प्रति किलोमीटर विशेष वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना में दृष्टिहीन, बौद्धिक दिव्यांग, दोनों पैरों से चलने में असमर्थ दिव्यांग, 80 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक, एड्स से पीड़ित व्यक्तियों को एक परिचारक के साथ किराया में पूरी छूट रहेगी, वहीं नक्सल प्रभावित व्यक्तियों को आधा किराया लगेगा।

अधिकारियों ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने राज्य की तकनीकी शिक्षा को सशक्त बनाने और डिजिटल कौशल को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए नवा रायपुर ‘अटल नगर’ में स्टेट आफ आर्ट एनआईईएलआईटी की स्थापना के लिए राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान को 10.023 एकड़ भूमि निःशुल्क आवंटित करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया।

उन्होंने बताया कि राज्य में एनआईईएलआईटी केन्द्र की स्थापना से छत्तीसगढ़ में तकनीकी शिक्षा, डिजिटल कौशल विकास और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा। यह केन्द्र न केवल युवाओं को गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें रोजगार के नये अवसर भी प्रदान करेगा। इससे छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरेगा।

भाषा

संजीव, रवि कांत

रवि कांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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