रायपुर: छत्तीासगढ़ के रायपुर जिले की अदालत ने एक समाज विशेष के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में गिरफ्तार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पिता नंद कुमार बघेल को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है.
नंद कुमार बघेल के अधिवक्ता गजेंद्र सोनकर ने शुक्रवार को बताया कि जिले के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी जनक कुमार हिडको की अदालत ने नंद कुमार बघेल (86 वर्ष) को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं.
अधिवक्ता सोनकर ने बताया कि आज उन्होंने बघेल की ओर से अदालत में जमानत आवेदन पेश किया था.
उन्होंने बताया कि जमानत आवेदन की सुनवाई के दौरान अदालत से अनुरोध किया गया कि नंद कुमार बघेल अत्यंत ही वृद्ध हैं तथा उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है. साथ ही उन पर लगाया गया आरोप आजीवन कारावास के अपराधों की श्रेणी में नहीं आता है, इसलिए उन्हें जमानत का लाभ दिया जाना चाहिए.
सोनकर ने बताया कि इस दौरान शासकीय अधिवक्ता ने बघेल की जमानत अर्जी का विरोध किया.
उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने बघेल को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. बघेल को जेल से रिहा कर दिया गया है.
राज्य के रायपुर जिले की पुलिस ने ब्राह्मण समाज के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में नंद कुमार बघेल को इस महीने की सात तारीख को नयी दिल्ली से गिरफ्तार किया था. बाद में अदालत ने बघेल को 15 दिनों के न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया था.
रायपुर शहर के डीडी नगर थाने की पुलिस ने बीते शनिवार को सर्व ब्राह्मण समाज की शिकायत पर बघेल के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
सर्व ब्राह्मण समाज ने अपनी शिकायत में कहा था कि मुख्यमंत्री के पिता ने ब्राह्मणों को विदेशी बताकर उनका बहिष्कार करने तथा उन्हें अपने गांवों में प्रवेश नहीं करने देने के लिए कहा था.
सर्व ब्राह्मण समाज ने आरोप लगाया था कि बघेल ने लोगों से कहा था कि वह ब्राह्मणों को देश के बाहर निकालें. समाज के मुताबिक मुख्यमंत्री के पिता ने पूर्व में भगवान राम के संबंध में भी अपमान जनक टिप्पणी की थी.
राज्य के पुलिस अधिकारियों के मुताबिक नंद कुमार बघेल ने हाल ही में उत्तर प्रदेश में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कथित रूप से यह विवादित टिप्पणी की थी.
वहीं, अपने पिता की कथित टिप्पणियों पर विवाद शुरू होने के बाद, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि इस तरह की टिप्पणियों से वह आहत हैं और उनकी सरकार में कोई भी कानून से ऊपर नहीं है. पुलिस मामले में उचित कार्रवाई करेगी.
मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा था,’एक पुत्र के रूप में मैं अपने पिता जी का सम्मान करता हूं लेकिन एक मुख्यमंत्री के रूप में उनकी किसी भी ऐसी गलती को अनदेखा नहीं किया जा सकता, जो सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने वाली हो. हमारी सरकार में कोई भी कानून से ऊपर नहीं है फिर चाहे वो मुख्यमंत्री के पिता ही क्यों न हों.’