scorecardresearch
बुधवार, 4 जून, 2025
होमदेशछत्तीसगढ़: आदिवासी क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने को 'छत्तीसगढ़ होमस्टे नीति का अनुमोदन

छत्तीसगढ़: आदिवासी क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने को ‘छत्तीसगढ़ होमस्टे नीति का अनुमोदन

Text Size:

रायपुर, चार जून (भाषा) छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल ने राज्य के ग्रामीण और आदिवासी बहुल क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘छत्तीसगढ़ होमस्टे’ नीति का अनुमोदन कर दिया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय ‘महानदी भवन’ में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया।

उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने राज्य में ग्रामीण और आदिवासी बहुल क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने तथा स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर प्रदान करने के लिए ‘छत्तीसगढ़ होमस्टे नीति 2025-30’ का अनुमोदन कर दिया।

अधिकारियों ने बताया कि होमस्टे नीति का उद्देश्य छत्तीसगढ़ के गांवों, विशेषकर बस्तर और सरगुजा के दूर-दराज के इलाकों में पर्यटन को बढ़ावा देना है, जिससे वहां के युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलें।

उन्होंने बताया कि ‘होमस्टे’ के माध्यम से पर्यटकों को गांव की संस्कृति, कला, शिल्प और प्रकृति से जुड़ा खास अनुभव मिलेगा, साथ ही, इससे गांवों में रहने वाले लोगों को सीधा लाभ होगा तथा उनकी आमदनी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि यह एक तरह से ‘वोकल फॉर लोकल’ के लक्ष्य को प्राप्त करने और देश में ग्रामीण पर्यटन के विकास में महत्वपूर्ण साबित होगा।

अधिकारियों ने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य में युवा कल्याण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले व्यक्ति और संगठनों को सम्मानित करने के लिए युवा रत्न सम्मान योजना शुरू करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत युवा कल्याण के क्षेत्र में असाधारण और विशिष्ट सेवा कार्य करने वाले व्यक्ति अथवा स्वैच्छिक संगठनों को ‘छत्तीसगढ़ युवा रत्न सम्मान’ से सम्मानित किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ युवा रत्न सम्मान हर वर्ष राज्य के एक युवा और एक स्वैच्छिक संस्था को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसमें युवा को पदक, प्रमाण पत्र, शॉल और अधिकतम 2.50 लाख रुपये, जबकि संस्था को अधिकतम पांच लाख रुपये की पुरस्कार राशि दी जाएगी।

अधिकारियों ने बताया कि इसके साथ ही सामाजिक, साहित्य, नवाचार, शिक्षा, खेल, पर्यावरण, महिला एवं बाल विकास, मीडिया, स्वास्थ्य, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, दिव्यांगजन सशक्तीकरण, कला-संगीत तथा लोककला के क्षेत्र में ‘युवा रत्न सम्मान’ प्रदान किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि युवा रत्न सम्मान प्रत्येक वर्ष इन क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य के लिए चयनित एक-एक युवा को प्रदान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसमें पदक, पदक प्रमाण पत्र, शॉल और अधिकतम एक लाख रुपये शामिल हैं। उन्होंने बताया कि महिला एवं बाल विकास के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए यह सम्मान केवल महिलाओं और बालिकाओं को दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ शासन की वर्ष 2025 के लिए स्थानांतरण नीति का अनुमोदन कर दिया है। उन्होंने बताया कि इसके तहत जिला स्तर पर स्थानांतरण 14 जून से 25 जून तक प्रभारी मंत्री द्वारा और राज्य स्तर पर विभागीय मंत्री की मंजूरी से होंगे।

अधिकारियों ने बताया कि स्थानांतरण के लिए न्यूनतम दो वर्ष सेवा अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि वहीं गंभीर बीमारी, मानसिक/शारीरिक अक्षमता और सेवा निवृत्ति से पूर्व एक वर्ष के मामलों में विशेष सुविधा मिलेगी।

उन्होंने बताया कि पति-पत्नी की एक स्थान पर पदस्थापना, ग्रामीण-शहरी संतुलन और पारदर्शिता के लिए राज्य स्तर के सभी स्थानांतरण आदेश ई-ऑफिस के माध्यम से जारी होंगे।

अधिकारियों ने बताया कि मंत्रिमंडल ने छत्तीसगढ़ राज्य की कला, संस्कृति को बढ़ावा देने के वास्ते राज्य में कलाग्राम की स्थापना के लिए नवा रायपुर अटल नगर में संस्कृति विभाग को 10 एकड़ भूमि निःशुल्क आवंटित करने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि इस भूमि के लिए प्रतिपूर्ति राशि का भुगतान नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण को किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि कलाग्राम शिल्पकारों, लोक कलाकारों और परंपरागत कारीगरों के लिए एक समर्पित केंद्र होगा, जो सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा।

अधिकारियों ने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में नवा रायपुर अटल नगर में राष्ट्रीय स्तर की तीरंदाजी अकादमी की स्थापना के लिए खेल एवं युवा कल्याण विभाग को 13.47 एकड़ भूमि निःशुल्क आवंटित करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई।

उन्होंने बताया कि इस अकादमी में आउटडोर व इनडोर (एसी) तीरंदाजी रेंज, उच्च प्रदर्शन केंद्र, छात्रावास और आवासीय सुविधा का निर्माण किया जाएगा।

अधिकारियों ने बताया कि मंत्रिमंडल ने राज्य के निम्न और मध्यम वर्गीय परिवारों को शहरों में किफायती तथा सस्ते भूखण्ड उपलब्ध कराने के लिए ‘छत्तीसगढ़ किफायती जन आवास नियम, 2025’ का अनुमोदन किया है।

उन्होंने बताया कि इससे लोगों को शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में उचित दर पर भूखंड उपलब्ध कराकर पानी, बिजली, सड़क, सीवरेज जैसी बुनियादी सुविधाओं की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।

अधिकारियों ने बताया कि इससे अवैध प्लाटिंग की रोकथाम के साथ ही लोगों को सुव्यवस्थित कॉलोनियों का विकल्प मिलेगा और राज्य में रियल एस्टेट तथा आधाभूत ढांचा क्षेत्र में निवेश के नये अवसर उपलब्ध होंगे।

भाषा संजीव अमित

अमित

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments