रायपुर, 10 अक्टूबर (भाषा) छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने दो अलग-अलग मामलों में कार्रवाई करते हुए सहकारी शक्कर कारखाना के असिस्टेंट इंजीनियर और आदिम जाति विकास विभाग के क्लर्क को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि एसीबी ने शुक्रवार को सूरजपुर जिले में मां महामाया सहकारी शक्कर कारखाना के असिस्टेंट इंजीनियर को 50 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया।
उन्होंने बताया कि सूरजपुर जिले के लटोरी तहसील के निवासी प्रदीप कुमार ने एसीबी में शिकायत की थी 2024 में संविदा पर उसकी नियुक्ति मां महामाया सहकारी शक्कर कारखाना मर्यादित केरता में ‘डीसी ड्राइव ऑपरेटर’ के पद पर हुई थी।
अधिकारी ने शिकायतकर्ता के हवाले से बताया कि नियुक्ति के बाद कारखाने के असिस्टेंट इंजीनियर (प्रभारी चीफ इंजीनियर मशीनरी) चंदू राम नायक ने ‘कॉशन मनी’ के नाम पर उससे एक लाख रुपये लिये थे, जिसका कोई रसीद या प्रमाण पत्र नहीं दिया गया था।
उन्होंने बताया कि एक वर्ष बाद आरोपी नायक ने प्रदीप को पद पर यथावत बने रहने के लिए फिर से एक लाख रूपए की मांग की और मना करने पर उसने प्रदीप को नौकरी से निकालने की धमकी दी तथा आठ सितंबर 2025 को उसे नौकरी से निकाल भी दिया गया।
अधिकारी ने बताया कि जब प्रदीप ने नायक से निवेदन किया तब आरोपी ने उसे फिर से नौकरी पर रखने के लिए एक लाख रुपये रिश्वत की मांग की।
उन्होंने बताया कि शिकायत के सत्यापन के बाद एसीबी ने आरोपी चंदू राम नायक को शिकायतकर्ता प्रदीप कुमार से 50 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया।
अधिकारी ने बताया कि एक अन्य घटना में एसीबी ने बिलासपुर में आदिम जाति विकास विभाग के क्लर्क को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया।
उन्होंने बताया कि बिलासपुर जिले के निपनिया गांव के निवासी अभिलाष बर्मन ने एसीबी में शिकायत की थी कि वह अनुसूचित जाति का है और उसने अन्य समाज की लड़की से अंतर्जातीय विवाह किया था।
बर्मन ने शिकायत में आरोप लगाया कि बिलासपुर में आदिम जाति विकास विभाग में क्लर्क के पद पर तैनात मनोज तोनडेकर ने अंतर्जातीय विवाह पर शासन की तरफ से मिलने वाली प्रोत्साहन राशि (2.5 लाख रूपए) को दिलाने की एवज में 10 हजार रुपये रिश्वत मांगी थी।
अधिकारियों ने बताया कि शिकायत के सत्यापन के बाद एसीबी ने मनोज को बर्मन से 10 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया।
उन्होंने बताया कि आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है।
भाषा संजीव जितेंद्र
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