रायपुर, 10 जुलाई (भाषा) छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में कथित शराब घोटाला मामले में दायर आरोपपत्र में आरोपी बनाए जाने के बाद बृहस्पतिवार को 22 आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर दिया।
एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि ये 22 अधिकारी, जिनमें 12 सहायक आयुक्त, पांच उपायुक्त, तीन जिला आबकारी अधिकारी और दो सहायक जिला आबकारी अधिकारी शामिल हैं, विभिन्न जिलों में तैनात थे।
उन्होंने बताया कि निलंबन आदेशों के अनुसार, कथित शराब घोटाले के संबंध में सात जुलाई को राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (एसीबी/ईओडब्ल्यू) में दर्ज मामले में दायर आरोपपत्र में आरोपी बनाए जाने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की गई।
राज्य सरकार के इस कदम के बारे में पूछे जाने पर, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ‘पीटीआई वीडियो’ को बताया, ”पिछली कांग्रेस की सरकार में कई तरह के घोटाले हुए और सभी घोटालों की जांच हो रही है। केंद्र की एजेंसियां और प्रदेश की एजेंसियां मामलों की जांच कर रही हैं। उसमें जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। किसी भ्रष्ट व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।”
राज्य में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (ईओडब्ल्यू) ने सात जुलाई को पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान हुए कथित शराब घोटाले में अपना चौथा पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था, जिसमें 29 आबकारी अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है। इनमें से सात सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
ईओडब्ल्यू के एक बयान में कहा गया है कि आरोपपत्र रायपुर की एक विशेष अदालत में दाखिल किया गया।
इसमें कहा गया है, ”पूर्व गणना के आधार पर यह शराब घोटाला सभी तरह के कमीशन और दुकानों में बिना ड्यूटी पेड अतिरिक्त देशी शराब की बिक्री को जोड़कर लगभग 2161 करोड़ रुपये का माना जा रहा था। लेकिन इस नई जांच के आधार पर घोटाले की संपूर्ण राशि 3200 करोड़ रुपये से भी अधिक संभावित है।”
एजेंसी ने बताया है कि जांच के दौरान जानकारी मिली कि राज्य स्तर पर बस्तर और सरगुजा संभाग को छोड़कर, 15 ऐसे बड़े जिलों का चुनाव किया गया था, जिसमें देशी शराब की खपत अधिक थी।
इस पूरक आरोपपत्र के साथ, राज्य की एजेंसी ने चार पूरक आरोपों सहित पांच आरोपपत्र दायर किए हैं और 13 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें कांग्रेस विधायक और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी और विजय भाटिया शामिल हैं।
प्रवर्तन निदेशालय, जो इसमें धन शोधन के पहलू की जांच कर रहा है, के अनुसार, राज्य में कथित शराब घोटाला 2019 से 2022 के बीच रचा गया था, जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार का शासन था।
भाषा संजीव
वैभव
वैभव
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.