नई दिल्ली: शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की 350वीं वर्षगांठ के मौके पर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक समारोह को वीडियो संदेश के माध्यम से संबोधित में शिवाजी महाराज के जीवन को प्रेरणा व ऊर्जा का स्रोत करार देते हुए कहा कि उनके कार्य, शासन प्रणाली और नीतियां आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं.
छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक दिवस नई चेतना, नई ऊर्जा लेकर आया है। छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक उस कालखंड का एक अद्भुत और विशिष्ट अध्याय है।
राष्ट्र कल्याण और लोक कल्याण उनकी शासन व्यवस्था के मूल तत्व रहे हैं। मैं आज छत्रपति शिवाजी महाराज के चरणों में कोटि-कोटि…
— BJP LIVE (@BJPLive) June 2, 2023
उन्होंने कहा कि उन्होंने शासन का लोक कल्याणकारी चरित्र लोगों के सामने रखा और उन्हें आत्मसम्मान के साथ जीने का भरोसा दिया.
मोदी ने कहा, ‘‘उन्होंने स्वराज की भी स्थापना की और सुराज को भी कायम किया. वह अपने शौर्य के लिए भी जाने जाते हैं और अपने सुशासन के लिए भी. उन्होंने राष्ट्र निर्माण का एक व्यापक दृष्टिकोण भी सामने रखा. उन्होंने शासन का लोक कल्याणकारी चरित्र लोगों के सामने रखा.’’
प्रधानमंत्री ने साढ़े तीन सौ साल पहले हुए शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक और उसके बाद के कालखंड को एक अद्भुत और विशिष्ट अध्याय बताया और कहा कि उनके राज्याभिषेक का दिन एक नई चेतना और नई ऊर्जा लेकर आया है.
उन्होंने कहा, ‘‘इतिहास के उस अध्याय से निकली स्वराज, सुशासन और समृद्धि की महान गाथाएं हमें आज भी प्रेरित करती हैं. राष्ट्र कल्याण और लोक कल्याण उनकी शासन व्यवस्था के मूल तत्व रहे हैं.’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने हमेशा भारत की एकता और अखंडता को सर्वोपरि रखा और आज ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की दृष्टि में छत्रपति शिवाजी महाराज के विचारों का ही प्रतिबिंब देखा जा सकता है.
उन्होंने कहा कि इतिहास के नायकों से लेकर आज के दौर में किसी भी नेता का सबसे बड़ा दायित्व होता है कि वह अपने देशवासियों को प्रेरित करे और उसका विश्वास जगाए रखे.
मोदी ने कहा कि शिवाजी महाराज के समय देश में विषम परिस्थितियां थीं तथा सैकड़ों वर्षों की गुलामी और आक्रमणकारियों के शोषण ने समाज को कमजोर बना दिया था और देशवासियों से उनका आत्मविश्वास छीन लिया था.
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे सांस्कृतिक केंद्रों पर हमला करके लोगों का मनोबल तोड़ने की कोशिश की गई. ऐसे समय में, लोगों में आत्मविश्वास जगाना एक कठिन कार्य था. लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज ने ना सिर्फ आक्रमणकारियों का मुकाबला किया बल्कि जनमानस में यह विश्वास भी पैदा किया कि स्वयं का राज संभव है. उन्होंने गुलामी की मानसिकता को खत्म कर लोगों को राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरित किया.’’
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‘शिवाजी महाराज एक अद्भुत व्यक्तित्व’
प्रधानमंत्री ने शिवाजी महाराज को एक अद्भुत व्यक्तित्व बताया और कहा कि वह ऐसे शासक थे जो अपने शौर्य के साथ ही सुशासन के लिए भी जाने गए.
उन्होंने कहा, ‘‘एक तरफ, उन्होंने आक्रमणकारियों से अपने राज्य और संस्कृति की रक्षा की तो दूसरी तरफ उन्होंने राष्ट्र निर्माण की व्यापक दृष्टि भी सामने रखी. वह इतिहास के दूसरे नायकों से एकदम अलग हैं. उन्होंने शासन का लोक कल्याणकारी चरित्र लोगों के सामने रखा और उन्हें आत्मसम्मान के साथ जीने का भरोसा दिया.’’
उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं, शिवाजी महाराज ने स्वराज, धर्म, संस्कृति और धरोहरों को ठेस पहुंचाने की कोशिश करने वालों को कठोर संदेश भी दिया जिसके कारण जन-जन में दृढ़ विश्वास पैदा हुआ और आत्मनिर्भरता की भावना का संचार हुआ.
उन्होंने कहा, ‘‘किसान कल्याण हो, महिला सशक्तिकरण हो, शासन-प्रशासन तक सामान्य जन की पहुंच आसान बनाना हो… उनके कार्य व उनकी शासन प्रणाली और उनकी नीतियां आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं.’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह उनकी सरकार का सौभाग्य है कि छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरणा लेकर पिछले वर्ष भारत ने गुलामी के एक निशान से नौसेना को मुक्ति दे दी और भारतीय नौसेना के ध्वज पर अंग्रेजी शासन की पहचान को हटाकर शिवाजी महाराज से प्रेरित उनकी राजमुद्रा को जगह दी गई है.
उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज द्वारा स्थापित किए गए मूल्य हमेशा आगे बढ़ने का मार्ग दिखाते रहे हैं और इन्हीं मूल्यों के आधार पर देश को अगले 25 वर्षों की यात्रा पूरी करनी है.
उन्होंने कहा, ‘‘ये यात्रा होगी छत्रपति शिवाजी महाराज के सपनों का भारत बनाने की, ये यात्रा होगी स्वराज, सुशासन और आत्मनिर्भरता की, ये यात्रा होगी विकसित भारत की.’’
छात्रपति शिवाजी महाराज ने कई वर्षों तक मुगल बादशाह औरंगजेब से संघर्ष किया. मुगल सेना को धूल चटाते हुए सन 1674 में पश्चिम भारत में उन्होंने मराठा साम्राज्य की नींव रखी. ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, मराठा योद्धा शिवाजी महाराज का रायगढ़ किले में छह जून, 1674 को राज्याभिषेक हुआ था, जहां उन्होंने ‘हिंदवी स्वराज’ की नींव रखी थी. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस साल राज्याभिषेक की वर्षगांठ दो जून को है.
छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की 350वीं वर्षगांठ के अवसर पर महाराष्ट्र के रायगढ़ किले में शुक्रवार को सुबह आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भाग लिया.
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