नयी दिल्ली, तीन जून (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने चेन्नई की एक नहर में प्रदूषण के मुद्दे पर चेन्नई के जिलाधिकारी और तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है।
एनजीटी ने चेन्नई की कैप्टन कॉटन नहर की स्थिति पर स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई के दौरान नोटिस जारी कर जवाब मांगा। कैप्टन कॉटन नहर में अनियंत्रित रूप से कचरा फेंके जाने और अनुपचारित मलजल के कारण यह अवरुद्ध हो गयी है।
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल की पीठ ने 29 मई के आदेश में कहा, ‘‘प्राप्त समाचार के अनुसार, स्थिति विशेष रूप से एंडरसन रोड के पास, अयनावरम बस स्टैंड के पास, गंभीर हो जाती है, जहां प्लास्टिक कचरे और कूड़े के ढेर पानी के प्रवाह को गंभीर रूप से बाधित करते हैं। ’’
खबर में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि अनुपचारित कच्चे मलजल को सीधे नहर में डाला जाता है, जिससे इसकी स्थिति खराब हो रही है और कभी सक्रिय रही इस नहर का विनाश हो रहा है।
एनजीटी ने अपने आदेश में कहा, ‘‘समाचार में जल प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम और पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन दर्शाया गया है।’’
एनजीटी ने चेन्नई के जिलाधिकारी और तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव को पक्षकार या प्रतिवादी बनाते हुए कहा, ‘‘उपरोक्त प्रतिवादियों को अपना प्रत्युत्तर/उत्तर दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया जाता है।’’
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