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शनिवार, 7 जून, 2025
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यात्रियों की आधार आईडी की जांच करें, जाली होने पर कार्रवाई करें: रेल मंत्रालय का सभी जोन को निर्देश

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नयी दिल्ली, सात जून (भाषा) रेल मंत्रालय ने देश के सभी रेलवे जोन को निर्देश दिया है कि टिकट जांच कर्मी यात्रियों की आधार पहचान की वास्तविक समय में ‘एम-आधार एप्लिकेशन’ के माध्यम से जांच करें और यदि कोई आधार कार्ड फर्जी पाया जाता है तो तत्काल कार्रवाई की जाए।

यह निर्देश उन मामलों के सामने आने के बाद जारी किया गया है जिनमें कुछ लोग फर्जी या जाली आधार कार्ड के साथ भारत में अनाधिकृत रूप से रह रहे हैं तथा रोजगार और यात्रा सहित विभिन्न उद्देश्यों के लिए पहचान प्रमाण के रूप में इनका इस्तेमाल कर रहे हैं।

रेल मंत्रालय ने प्रधान मुख्य वाणिज्य प्रबंधकों को संबोधित पत्र में कहा, “आधार कार्ड के दुरुपयोग और पहचान की जालसाजी को रोकने के लिए यह आवश्यक हो गया है कि पहचान सत्यापन की प्रक्रिया को और मजबूत किया जाए। टिकट जांच कर्मियों को बिना किसी पूर्व निर्धारित क्रम के यात्रियों के पहचान-पत्र की जांच और सत्यापन करना चाहिए।”

पत्र में उल्लेख किया गया है कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा विकसित ‘एम-आधार एप्लिकेशन’ असली पहचान की जांच के लिए उपयोगी है। इस ऐप में क्यूआर कोड आधारित सत्यापन की सुविधा उपलब्ध है।

रेल मंत्रालय ने बताया कि आधार कार्ड पर मौजूद क्यूआर कोड को स्कैन करने पर उस व्यक्ति की तस्वीर, नाम, लिंग, जन्म तिथि, पता और आधार संख्या जैसी मुख्य पहचान जानकारी स्क्रीन पर दिखाई देती है जिससे दस्तावेज़ की प्रामाणिकता का तुरंत सत्यापन किया जा सकता है।

पत्र में यह भी बताया गया कि यह एप्लिकेशन ऑफलाइन मोड में भी कार्य करता है, जिससे यह जालसाजी और फर्जी पहचान की घटनाओं को रोकने में उपयोगी साबित हो सकता है।

रेलवे के सभी जोन से अनुरोध किया गया है कि वे अपने टिकट जांच कर्मियों को ‘एम-आधार ऐप’ डाउनलोड कर उसका उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित करें।

पत्र में कहा गया है, “यदि किसी भी यात्री या कर्मचारी का आधार कार्ड संदिग्ध या फर्जी प्रतीत हो, तो इसकी जानकारी तुरंत रेलवे सुरक्षा बल /स्थानीय पुलिस/राज्य रेलवे पुलिस को दी जानी चाहिए ताकि आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा सके।”

मंत्रालय ने यह भी याद दिलाया कि आधार अधिनियम के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति फर्जी पहचान अपनाता है या धोखाधड़ी से आधार प्राप्त करता है, तो उसके खिलाफ जेल और जुर्माने का प्रावधान है।

भाषा राखी प्रशांत

प्रशांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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