नयी दिल्ली, 11 जून (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने यहां फ्रांसीसी दूतावास के वीजा विभाग के विधि अधिकारी शुभम शौकीन, उसके परिवार के तीन सदस्यों और चार अन्य के खिलाफ पंजाब के आवेदकों के लिए भारी धनराशि के एवज में ‘शेंगेन वीजा’ की व्यवस्था करने के आरोप में आरोपपत्र दायर किया है।
सीबीआई शौकीन की तलाश में जुटी है, जिसके बारे में माना जा रहा है कि वह कानून से बचने के लिए देश से बाहर भाग गया है।
जांच एजेंसी ने पाया कि शौकीन ने एजेंट के एक नेटवर्क के माध्यम से ‘शेंगेन वीजा’ पाने के इच्छुक पंजाब के आवेदकों की जानकारी जुटाई और उनसे यात्रा दस्तावेजों के एवज में भारी भरकम धनराशि वसूली।
सीबीआई ने आरोप लगाया है, “वीजा एजेंट का एक नेटवर्क, जिनमें से ज्यादातर पंजाब में स्थित हैं, प्रत्येक वीजा आवेदक से 13 लाख रुपये से लेकर 45 लाख रुपये तक लेता था। इस रकम के बदले में आरोपी वीजा आवेदनों को आगे बढ़ाते थे और शेंगेन वीजा जारी होने के बाद वीजा दस्तावेजों और फाइल को नष्ट कर देते थे।”
अपनी तीन साल की जांच के दौरान, सीबीआई ने मामले में साक्ष्य जुटाने के लिए अंतरराष्ट्रीय संगठनों सहित कई एजेंसियों के साथ समन्वय किया, जिसके परिणामस्वरूप यहां एक विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष आरोपपत्र दायर किया गया।
जांच एजेंसी ने विशेष सीबीआई अदालत में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दायर आरोपपत्र में आरोप लगाया कि शौकीन ने जनवरी 2021 से मई 2022 के बीच फ्रांसीसी दूतावास में काम करने के दौरान दिल्ली तथा पंजाब में भारी संपत्ति अर्जित की।
सीबीआई प्रवक्ता ने कहा, “विदेश में अपराध से हुई आय का पता लगाने के लिए सीबीआई के अंतरराष्ट्रीय परिचालन प्रभाग ने एजेंसी की अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग इकाई के साथ समन्वय कर, इस मामले में भारत का पहला इंटरपोल सिल्वर नोटिस जारी कराने में भी सफलता हासिल की थी।”
आरोपपत्र के मुताबिक, जांच एजेंसी ने पाया कि वीजा एजेंट बलविंदर सिंह बरतिया और प्रीतपाल सिंह मुख्य सह-षड्यंत्रकारी थे, जिन्होंने विभिन्न बैंक खातों के माध्यम से धन पहुंचाया, जो अंततः दो बिचौलियों जशनदीप सिंह सिद्धू और भवन शौकीन के जरिये शौकीन और उसके परिवार के सदस्यों तक पहुंचा।
‘शेंगेन वीजा’ एक अल्पकालिक वीजा है, जो व्यक्ति को 180 दिन की अवधि में कुल 90 दिनों तक शेंगेन क्षेत्र में यात्रा की अनुमति देता है। यह वीजा पर्यटन, व्यवसाय, परिजनों या दोस्तों से मिलने, चिकित्सा, अध्ययन या अन्य गैर-लाभकारी गतिविधियों के लिए शेंगेन क्षेत्र में यात्रा की अनुमति देता है। शेंगेन क्षेत्र में 29 यूरोपीय देश शामिल हैं।
भाषा पारुल अविनाश
अविनाश
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