मुजफ्फरनगर: मुजफ्फरनगर में 2013 में हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान भड़काऊ भाषण देने के मामले में यहां की एक विशेष अदालत ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री सैदुज्जमा और नौ अन्य नेताओं के खिलाफ आरोप तय करने पर दलीलों की सुनवाई के लिए बुधवार को नौ सितंबर की तारीख तय की.
इस मामले में सैदुज्जमा के बेटे सलमान सईद, बहुजन समाज पार्टी के पूर्व सांसद कादिर राणा, पार्टी के पूर्व विधायकों नूर सलीम राणा और मौलाना जमील, व्यापारियों अहसन कुरैशी, सुल्तान मुशीर और नौशाद के खिलाफ भी आरोप तय किए जाने हैं. इनके अलावा मामले में असद जमा अंसारी और नौशाद कुरैशी भी आरोपी हैं.
इन सभी पर कथित तौर पर निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने और भड़काऊ भाषण देकर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने का मामला दर्ज किया गया था.
विशेष न्यायाधीश गोपाल उपाध्याय ने मामले में आरोप तय करने के लिए पहले एक सितंबर की तारीख तय की थी लेकिन अदालत में पेश हुए दस आरोपियों ने दलील दी कि पुलिस ने उनके खिलाफ बिना किसी की निजी शिकायत के मामला दर्ज किया है.
बचाव पक्ष के वकील ने भी दलील दी कि उन पर दंड प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया था और उन्होंने मामले में अपना पक्ष रखना चाहा. इसके बाद अदालत ने आरोप तय करने पर दलीलें सुनने के लिए नौ सितंबर की तारीख तय की.
अगस्त-सितंबर, 2013 में मुजफ्फरनगर एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में सांप्रदायिक दंगों में 40 लोगों की जान चली गयी थी और 50,000 से अधिक लोग बेघर हो गए थे.
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