मुजफ्फरनगर (उप्र), 20 सितंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में सांप्रदायिक टिप्पणियां करने और होमवर्क न करने पर छात्रों को अल्पसंख्यक समुदाय के एक सहपाठी को थप्पड़ मारने का आदेश देने की आरोपी एक निजी स्कूल की शिक्षिका के खिलाफ दर्ज मुकदमें में बुधवार को किशोर न्याय अधिनियम के तहत आरोप जोड़े गए।
पुलिस क्षेत्राधिकारी रवि शंकर ने यहां बताया कि स्कूल की शिक्षिका तृप्ता त्यागी के खिलाफ दर्ज मामले में किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 (जो बच्चे पर नियंत्रण रखने वाले किसी व्यक्ति द्वारा बच्चे पर हमला करने, दुर्व्यवहार करने या जानबूझकर उसकी उपेक्षा करने पर सजा का प्रावधान करती है) को जोड़ा गया है।
लड़के के परिवार की शिकायत पर 26 अगस्त को शिक्षिका पर भारतीय दंड विधान की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के लिए सजा) और 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
शिक्षिका के खिलाफ यह कार्रवाई 25 अगस्त को वायरल हुए एक वीडियो के एक दिन बाद हुई थी, जिसमें वह अपने छात्रों से खुब्बापुर गांव के नेहा पब्लिक स्कूल में कक्षा दो के एक छात्र को थप्पड़ मारने के लिए कह रही थी और कथित रूप से सांप्रदायिक टिप्पणी भी कर रही थी।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग और कई राजनीतिक नेताओं ने इसकी कड़ी निंदा करते हुए आरोपी शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और विपक्ष के अन्य शीर्ष नेताओं ने इस मुद्दे को उठाया था।
आरोपी शिक्षिका तृप्ता त्यागी ने अपने बचाव में कहा कि तनाव फैलाने के लिए वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है। उसने दावा किया कि वीडियो लड़के के चाचा ने ही बनाया था।
त्यागी ने माना था एक छात्र को उसके सहपाठियों से थप्पड़ लगवाना उसकी गलती थी लेकिन उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि वह दिव्यांग है और खड़े होकर उस छात्र तक पहुंचने में सक्षम नहीं थी।
भाषा सं सलीम रंजन
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