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शुक्रवार, 4 जुलाई, 2025
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एयर इंडिया क्रैश के बाद अफरातफरी, मलबा और बिखरी लाशें: रेस्क्यू वर्कर को लगा सिलेंडर ब्लास्ट हुआ है

एक SDRF कर्मचारी ने याद किया कि कैसे उनके ऑफिस के बाहर आसमान में छाया हुआ काला और घना धुआं देखकर उन्हें अंदाजा हो गया कि कुछ गड़बड़ है. उन्होंने बताया कि उनकी टीम दोपहर 1.45 बजे क्रैश साइट पर पहुंच गई थी.

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अहमदाबाद: गुरुवार दोपहर, गुजरात स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (SDRF) की अहमदाबाद यूनिट में काम करने वाले धर्मेंद्र प्रजापति ने अपने ऑफिस के बाहर आसमान में काले, घने धुएं को छाते हुए देखा.

“तभी मुझे लगा कि कुछ गड़बड़ है. शुरू में लगा कोई ब्लास्ट हुआ है—शायद कहीं सिलेंडर फटा हो. फिर धीरे-धीरे खबरों से पता चला कि क्या हुआ है, और फिर मुझे 1.30 बजे कॉल आया। हमारी टीम 1.45 बजे तक यहां पहुंच गई,” प्रजापति ने दिप्रिंट को बताया.

उन्हें इस हादसे की गंभीरता को समझने में थोड़ा वक्त लगा. लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट मेघानीनगर में—जो एक रिहायशी इलाका है—टेकऑफ के कुछ ही देर बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई. अब इसे एविएशन इतिहास के सबसे भयानक हादसों में से एक कहा जा रहा है.

विमान में सवार 242 लोगों में से, जिनमें क्रू मेंबर्स भी शामिल थे, केवल एक ब्रिटिश नागरिक जो भारतीय मूल का है, जिंदा बचा. बोइंग 787 ड्रीमलाइनर सीधा बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर गिरा.

“बहुत ज़्यादा अफरातफरी थी. चारों तरफ लाशें पड़ी थीं और विमान के टुकड़े ज़मीन में धंसे हुए थे,” प्रजापति ने कहा. उन्होंने बताया कि उनकी टीम के 62 लोगों को मलबा हटाने के लिए मौके पर तैनात किया गया था.

प्रजापति और उनकी टीम रात 12 बजे तक काम करती रही. उन्होंने कहा, “अब जेसीबी मशीनें अपना काम कर रही हैं.”

शुक्रवार सुबह 10 बजे तक राहत और बचाव कार्य जारी था और प्रजापति व उनके सहयोगी बाहर स्टैंडबाय पर खड़े थे.

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) के वरिष्ठ अधिकारी हरिओम गुप्ता ने पत्रकारों को बताया कि NDRF की छह टीमें मौके पर मौजूद हैं. उन्होंने कहा, “राहत कार्य अभी भी जारी है। हम अब भी मलबा साफ कर रहे हैं.”

एक अन्य NDRF अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि टीमें क्रैश साइट की पूरी तरह तलाशी ले चुकी हैं. अब वे आस-पास की इमारतों की जांच कर रहे हैं.

मेघानी नगर, जहां हादसा हुआ, एक घना रिहायशी इलाका है, जहां दो और तीन मंज़िला इमारतें बनी हुई हैं.

63 वर्षीय निवासी नितिन जोशी शुक्रवार सुबह उस सड़क तक पहुंचे जो अब सील कर दी गई है. उन्होंने कहा, “मैं यहां रोज़ सुबह वॉक पर आता हूं.”

गुरुवार के हादसे को याद करते हुए जोशी ने कहा, “हम घर पर थे, तभी एक ज़ोरदार आवाज़ आई, जैसे कोई बड़ा धमाका हुआ हो. फिर हमने बहुत काला धुआं देखा, जो पूरे इलाके में फैल गया. धमाके की आवाज़ एक किलोमीटर से भी ज़्यादा दूर तक सुनाई दी. हम पहले अपनी बिल्डिंग की छत पर गए, फिर क्रैश साइट पर भी पहुंचे.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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