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Sunday, 3 November, 2024
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चांद पर चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर के सही ठिकाने का पता चला : इसरो

चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग के पहले इसरो का संपर्क विक्रम लैंडर से टूट गया था. अब ऑर्बिटर ने लैंडर की जो थर्मल इमेज खींची है उससे इसके ठिकाने का पता चला है. 

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नई दिल्ली : इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइज़ेशन (इसरो) ने रविवार को जानकारी दी कि उसने विक्रम लैंडर के सही ठिकाने का पता लगा लिया है. चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग के पहले इसरो का संपर्क इससे टूट गया था. अब ऑर्बिटर ने लैंडर की जो थर्मल इमेज खींची है उससे इसके ठिकाने का पता चला है.

के सिवन ने कहा, ‘हमने चांद की सतह पर विक्रम लैंडर की लोकेशन का पता लगा लिया है और इसका पता उस थर्मल तस्वीर से चला है जो ऑर्बिटर ने ली है.’ हालांकि, इसरो प्रमुख ने ये भी साफ किया कि लैंडर के साथ अभी तक कोई संपर्क स्थापित नहीं किया जा सका है.

उन्होंने कहा, ‘हम लैंडर के साथ संपर्क साधने की कोशिश कर रहे हैं.’ उन्होंने ये भी कहा कि संपर्क साधे जाने को लेकर अभी किसी तरह की भविष्यवाणी करना सही नहीं होगा. विक्रम लैंडर को 7 सितंबर की रात 1.55 मिनट पर चांद की सतह पर उतरना था और ये 12 मिनट तक नीचे उतरता रहा.

लैंडिंग से 3 मिनट पहले धरती से इसका संपर्क टूट गया. जब बेंगलुरू स्थित इसरो मुख्यालय से इसका संपर्क टूटा तो ये चांद की सतह से 2.5 किलोमीटर ऊपर था. अगर भारत सफल होता तो चांद की सतह पर स्पेसक्राफ्ट उतारने वाला वो चौथा देश होता. इसके पहले अमेरिका, रूस और चीन ऐसा करने में सफल रहे हैं.

वहीं, सफल लैंडिंग के बाद भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश होता. 2 सिंतबर को विक्रम लैंडर सफलतापूर्वक चंद्रयान- 2 ऑर्बिटर से अलग हुआ था. 23 दिनों तक धरती का चक्कर लगाने के बाद ये 14 अगस्त को अपने सफर पर निकला था. सतीष धवन स्पेस सेंटर से इस मिशन की शुरुआत 22 जुलाई को हुई थी.

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