गुंटूर (आंध्र प्रदेश), 31 मार्च (भाषा) युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) नेता ए रामबाबू ने कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने और निजीकरण को प्राथमिकता देकर जिम्मेदारी से बचने के लिए सोमवार को मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की आलोचना की।
पूर्व मंत्री ने कहा कि नायडू की पी4 (पब्लिक प्राइवेट पीपल पार्टनरशिप) पहल उनकी निजीकरण नीति का विस्तार है, जिसका उद्देश्य गरीबी उन्मूलन की जिम्मेदारी से बचना और चुनावी वादों को पूरा करने की नाकामी को छिपाना है।
रामबाबू ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जिस व्यक्ति ने समृद्धि का दावा किया था, अब वह गरीबी उन्मूलन का काम पूंजीपतियों को सौंप रहा है। वह अपने चुनावी वादों को पूरा करने की जगह पी4 ला रहा है जो गरीबों के उत्थान में नायडू की विफलता को दर्शाता है।’’
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कुछ लोगों को काम ‘‘आउटसोर्स’’ करके गरीबी को खत्म नहीं किया जा सकता। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और रोजगार की जरूरत पर बल दिया ‘‘जैसा कि पूर्ववर्ती वाईएसआरसीपी सरकार में देखा गया था’’।
वाईएसआरसीपी नेता ने नायडू पर मेडिकल कॉलेजों का निजीकरण करने, गरीब छात्रों को सीट न देने और जनविरोधी नीतियों को लागू करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इससे लोगों में रोष है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सिर्फ नायडू और पवन कल्याण ही समृद्ध हो रहे हैं और उनका अंतिम लक्ष्य नारा लोकेश को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठाना है।
रामबाबू ने जनसेना प्रमुख पवन कल्याण की आलोचना की और कहा कि वे पार्टी कार्यकर्ताओं की आकांक्षाओं के बावजूद अधीनस्थ भूमिका निभा रहे हैं और नायडू की नीतियों का समर्थन कर रहे हैं।
भाषा
खारी नरेश
नरेश
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