नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ का मेयर घोषित किए जाने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के पार्षद कुलदीप कुमार ने मंगलवार को कहा कि यह लोकतंत्र और शहर के निवासियों की जीत है.
शीर्ष अदालत द्वारा आप पार्षद को विजेता और चंडीगढ़ का महापौर घोषित किए जाने के बाद पार्टी कार्यालय में जश्न मनाया गया. आप कार्यकर्ताओं और पार्षदों ने एक-दूसरे को मिठाइयां खिलाईं.
कुमार ने न्यायालय के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अगर चंडीगढ़ मेयर के चुनाव में भाजपा ने कथित तौर पर धांधली नहीं की होती तो वे पहले ही महापौर बन गए होते.
कुमार ने कहा, ‘‘यह लोकतंत्र की जीत है, चंडीगढ़ निवासियों की जीत है और सच्चाई की जीत है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज, मेरी आंखों में खुशी के आंसू हैं.’’
30 जनवरी को मतगणना के दौरान आठ वोट अवैध घोषित होने पर कुमार रो पड़े थे.
कुमार ने एक सवाल के जवाब में कहा कि चंडीगढ़ में विकास कार्य उसी तरह किए जाएंगे जैसे पंजाब और दिल्ली में किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें हमेशा न्यायालय पर पूरा भरोसा था.
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चंडीगढ़ महापौर चुनाव के परिणाम को पलटते हुए आम आदमी पार्टी (आप) -कांग्रेस गठबंधन के पराजित उम्मीदवार कुलदीप कुमार को शहर का नया मेयर घोषित किया.
न्यायालय ने 30 जनवरी के चुनाव संचालन में गंभीर खामियां पाए जाने के बाद निर्वाचन अधिकारी एवं भाजपा नेता अनिल मसीह के खिलाफ ‘कदाचार’ के आरोप में मुकदमा चलाने का भी आदेश दिया.
शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि वह पूरी चुनाव प्रक्रिया को रद्द नहीं कर रही है और खुद को मतगणना प्रक्रिया में गलत कार्यों से निपटने तक ही सीमित रख रही है, जिसके कारण कुमार के पक्ष में डाले गए आठ मत अमान्य हो गए थे.
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह स्पष्ट है कि मसीह ने जानबूझकर आठ मतपत्रों को विरूपित करने का प्रयास किया.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 30 जनवरी को चंडीगढ़ मेयर के चुनाव में कांग्रेस-आप गठबंधन के खिलाफ जीत हासिल की थी. महापौर पद के लिए भाजपा के मनोज सोनकर ने आप के कुलदीप कुमार को हराया था. सोनकर को अपने प्रतिद्वंद्वी के 12 मतों के मुकाबले 16 मत मिले थे.
सोनकर ने रविवार को महापौर पद से इस्तीफा दे दिया था.
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