सिलीगुड़ी, 29 (भाषा) पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि राज्य की समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए, विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में उनके पद और दायित्वों को लेकर मुद्दे पैदा किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह मामला दिसंबर 2021 में भी उठाया गया था।
राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के तौर पर राज्यपाल को हटाने के प्रयास के बाबत पूछे गए सवालों के जवाब में धनखड़ ने यहां संवाददाताओं से कहा, “यह (समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए) मीडिया का ध्यान आकर्षित करने का खेल है। सरकार क्या करती है उसकी चिंता मुझे तब तक नहीं, जब तक कागजात मेरे पास नहीं आते। जब कागजात मेरे पास आएंगे तब मैं संवैधानिक प्रावधानों के तहत कार्य करूंगा।”
पश्चिम बंगाल मंत्रिमंडल ने हाल में एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है जिसके तहत राज्यपाल के स्थान पर मुख्यमंत्री को राज्य विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति बनाया जाना है। इस प्रस्ताव को विधानसभा में एक विधेयक के रूप में पेश किया जाएगा।
धनखड़ ने कहा कि “कोई विधेयक तभी कानून बनता है जब राज्यपाल उस पर हस्ताक्षर करते हैं। एक अध्यादेश भी तभी जारी होता है जब राज्यपाल स्वीकृति देते हैं।” उन्होंने कहा कि राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में भर्ती प्रक्रिया “कलंकित” है और यह “शर्म” की बात है।
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