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Saturday, 16 November, 2024
होमदेशरीट पेपर लीक प्रकरण मामले में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष बर्खास्त, सचिव निलंबित

रीट पेपर लीक प्रकरण मामले में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष बर्खास्त, सचिव निलंबित

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जयपुर, 29 जनवरी (भाषा) राजस्थान सरकार ने राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट) 2021 का पेपर लीक होने के मामले में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. धर्मपाल जारौली को बर्खास्त कर दिया है जबकि बोर्ड के सचिव अरविंद कुमार सेंगवा को निलंबित किया गया है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार परीक्षा में गड़बड़ी करने वाले हर व्यक्ति पर कड़ी कार्रवाई करेगी और परीक्षा में शामिल किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।

उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार विधानसभा के बजट सत्र में नकल, पेपर लीक आदि के संबंध में कठोर प्रावधानों का विधेयक लेकर आ रही है।

उल्लेखनीय है कि इस प्रकरण के तूल पकड़ने के बाद मुख्यमंत्री गहलोत ने शुक्रवार रात एक उच्च स्तरीय बैठक में कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। शनिवार को जारौली की बर्खास्तगी व सेंगवा के निलंबन के आदेश जारी हुए। रीट परीक्षा का आयोजन माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने ही करवाया था।

शिक्षा विभाग ने डॉ जारौली की बर्खास्तगी का आदेश जारी करते हुए कहा कि वह अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल रहे, इसलिए उन्हें तत्काल प्रभाव से बोर्ड के अध्यक्ष पद से बर्खास्त किया जाता है। जारौली को 24 फरवरी 2020 को तीन साल के लिए इस पद पर नियुक्त किया गया था।

वहीं, कार्मिक विभाग ने बोर्ड के सचिव, राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) के अधिकारी अरविंद कुमार सेंगवा को निलंबित करने का आदेश जारी किया है। आदेश में उनके निलंबन का कोई कारण नहीं बताया गया है। राज्य सरकार ने कॉलेज शिक्षा निदेशालय के डॉ सुभाष यादव सहित कुछ और अधिकारियों को भी निलंबित कर दिया है।

मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा कि रीट परीक्षा का आयोजन करने वाले बोर्ड की जिम्मेदारी तय करते हुए बोर्ड के अध्यक्ष को बर्खास्त एवं सचिव को निलंबित किया गया है।

उन्होंने कहा, “ राज्य सरकार बजट सत्र में नकल, पेपर लीक आदि के संबंध में कठोर प्रावधानों का विधेयक लेकर आ रही है। हम युवाओं के हितों के लिए पूरी तरह समर्पित हैं। भविष्य में भर्ती परीक्षाएं बाधारहित तरीके से संपन्न हों, इस बारे में सुझाव देने के लिए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति बनाई जा रही है।”

गहलोत ने बयान में कहा, “राज्य सरकार ने विशेष पुलिस बल (एसओजी) को जांच के लिए ‘फ्री हैंड’ (पूरी छूट) दिया है। जिन लोगों की संलिप्तता पाई गई है, उन्हें गिरफ्तार कर सख्ती से पूछताछ की जा रही है। पूछताछ में सामने आई जानकारी के आधार पर लगातार कार्रवाई की जा रही है।”

इसके साथ ही गहलोत ने इस मामले को लेकर राजनीति किए जाने की निंदा की है। मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘यह दुख की बात है कि कुछ लोग राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए ऐसा माहौल बना रहे हैं जिससे कोई आगामी भर्ती परीक्षा ना हो सके। ये लोग लाखों अभ्यर्थियों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।”

उल्लेखनीय है कि गत सितंबर माह में राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा 2021 (रीट) का आयोजन बोर्ड के अधीन ही किया गया था। लेकिन इसके पेपर लीक मामले को लेकर राज्य सरकार लगातार विपक्ष के निशाने पर है। मामले की जांच पुलिस का विशेष ग्रुप (एसओजी) कर रहा है। वहीं मुख्य विपक्षी दल भाजपा इस मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी शनिवार को इसे लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा,“ राजस्थान सरकार परीक्षा संस्थाओं की विश्वसनीयता बनाए रखने में असफल रही है। अब अभ्यर्थियों को न्याय दिलाने के लिए सीबीआई जैसी सर्वोच्च संस्था द्वारा जांच ही एकमात्र विकल्प है।“

नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया और अन्य भाजपा नेताओं ने भी सीबीआई जांच की मांग की। मामले की जांच कर रहे एसओजी ने कई लोगों को गिरफ्तार किया है। इसने हाल में रामकृपाल मीणा और उदाराम विश्नोई को गिरफ्तार किया था। मीणा को जयपुर के शिक्षा संकुल में कागजात की सुरक्षा के उद्देश्य से जिला समन्वयक द्वारा नियुक्त किया गया था। शिक्षा संकुल में शिक्षा विभाग के कार्यालय हैं।

मीणा ने कथित तौर पर शिक्षा संकुल से पेपर चुराया और उसे उदाराम विश्नोई को दिया, जिस पर पेपर आगे भेजने का आरोप है। सितंबर में जब परीक्षा के संचालन में गड़बड़ी सामने आई थी, तब राज्य सरकार ने एक आरएएस और दो आरपीएस अधिकारियों, शिक्षा विभाग के 13 कर्मियों और तीन अन्य पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था।

भाषा पृथ्वी

नोमान

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यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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