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Sunday, 2 November, 2025
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केंद्र की ओर से पंजाब विवि के शासी निकाय का पुनर्गठन किया जाना ‘असंवैधानिक’: मान

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चंडीगढ़, दो नवंबर (भाषा) पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने रविवार को एक अधिसूचना के माध्यम से पंजाब विश्वविद्यालय के शासी निकाय के पुनर्गठन के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की और इस कदम को ‘‘असंवैधानिक’’ और ‘‘तानाशाही’’ करार दिया।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस मामले में अदालत का दरवाजा खटखटाएगी।

केंद्र ने 28 अक्टूबर की अधिसूचना के माध्यम से पंजाब विश्वविद्यालय अधिनियम, 1947 में संशोधन करके पंजाब विश्वविद्यालय की सीनेट और सिंडिकेट का पुनर्गठन किया है।

मान ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने ‘नादिर शाही फरमान’जारी किया है, जो पूरी तरह से पंजाब और उसके अधिकारों के खिलाफ है। पंजाब विश्वविद्यालय की सीनेट को भंग करने की अधिसूचना पूरी तरह से असंवैधानिक है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र के पास पंजाब विश्वविद्यालय अधिनियम, 1947 में अधिसूचना के जरिए संशोधन करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि यह संशोधन या तो विधानसभा या संसद द्वारा किया जाना चाहिए, लेकिन इस मामले में ऐसा कुछ नहीं हुआ।

मान ने कहा कि पहले भी भाजपा ने विश्वविद्यालय पर नियंत्रण करने के लिए इसी तरह की कोशिश की थी।

मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि करीब दो वर्ष पहले उन्होंने हरियाणा के महाविद्यालयों को पंजाब विश्वविद्यालय से संबद्ध करने के प्रस्ताव का विरोध किया था, क्योंकि चंडीगढ़ स्थित यह विश्वविद्यालय हमेशा से पंजाब की विरासत और परम्परा से जुड़ा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘हरियाणा की मांग थी कि पंचकूला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र और अंबाला के महाविद्यालयों को पंजाब विश्वविद्यालय से संबद्ध किया जाए। मैंने साफ इनकार कर दिया। इन महाविद्यालयों की संबद्धता के जरिए वे चाहते थे कि उनके सीनेट सदस्य पंजाब विश्वविद्यालय की सीनेट में प्रवेश पा सकें।’’

मान ने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘लेकिन अब उन्होंने दूसरा रास्ता खोज लिया है। पंजाब के स्थापना दिवस पर भाजपा ने पंजाबियों को एक तोहफा दिया है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिसूचना से भाजपा का पंजाब विरोधी चेहरा उजागर होता है।

कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल के नेताओं ने भी इस कदम को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।

भाषा

धीरज नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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