हैदराबाद, तीन मई (भाषा) उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क ने शनिवार को कहा कि जाति जनगणना कराने की केंद्र की घोषणा तेलंगाना सरकार और कांग्रेस द्वारा डाले गए दबाव का परिणाम है और यह राज्य के लोगों की जीत है।
उन्होंने खम्मम में एक सम्मान समारोह में कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के निर्देशों के तहत कार्य करते हुए तेलंगाना सरकार ने जाति जनगणना को बिना किसी त्रुटि के सावधानीपूर्वक पूरा किया।
विक्रमार्क ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 1930 के बाद से भारत में कोई जाति जनगणना नहीं हुई थी और तेलंगाना की पहल स्वतंत्रता के बाद पहला सफल प्रयास था।
उपमुख्यमंत्री ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा कि इस तरह का सर्वेक्षण करना एक जटिल कार्य था, लेकिन उन्होंने और मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी तथा पूरे मंत्रिमंडल ने इस चुनौती को स्वीकार किया और 50-55 दिनों के भीतर प्रक्रिया पूरी कर ली।
उन्होंने कहा, ‘तेलंगाना की जनता की सरकार ने वैज्ञानिक तरीके से जाति जनगणना की है, जिससे राज्य पूरे देश के लिए एक आदर्श बन गया है। भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद केवल तेलंगाना में ही बिना किसी आपत्ति के इतनी व्यापक जाति जनगणना सफलतापूर्वक की गई थी। राज्य सरकार ने इस जाति सर्वेक्षण के निष्कर्षों को अपने नीति-निर्माण निर्णयों में शामिल करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है।’
उन्होंने आगे कहा कि राज्य विधानसभा में पिछड़ी जातियों को 42 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रस्ताव पारित किया गया है तथा अनुमोदन के लिए इसे केंद्र को भेजा गया है।
उन्होंने कहा कि जाति जनगणना के नतीजों को जनता के बीच ले जाना चाहिए और पिछड़े वर्गों को सरकार के समर्थन में खड़ा होना चाहिए।
मोदी सरकार ने बुधवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए घोषणा की कि अगली जनगणना में जाति गणना को ‘पारदर्शी’ तरीके से शामिल किया जाएगा।
भाषा
शुभम माधव
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