नयी दिल्ली, 27 अप्रैल (भाषा) जल शक्ति मंत्रालय ने पिछले वित्त वर्ष में जल संसाधन योजनाओं के लिए लगभग संपूर्ण केंद्रीय आवंटन का उपयोग कर लिया है और मार्च के अंत तक 98.39 प्रतिशत धनराशि खर्च की जा चुकी है। एक आधिकारिक दस्तावेज में यह जानकारी दी गई।
‘वर्ष 2024-2025 के लिए मार्च 2025 तक योजना निधि की उपलब्धता और उपयोग पर रिपोर्ट’ शीर्षक वाले दस्तावेज में जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग की केंद्र प्रायोजित योजनाओं और केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं के अंतर्गत व्यय का विवरण दिया गया है।
केंद्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) को मुख्य रूप से केंद्र सरकार वित्तपोषित करती है। लेकिन इनका क्रियान्वयन राज्य सरकारों द्वारा किया जाता है, जिसके लिए अक्सर राज्यों से भी समान योगदान की आवश्यकता होती है।
दस्तावेज के अनुसार, केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए 13,431.48 करोड़ रुपये के केंद्रीय बजट अनुमान के मुकाबले वास्तविक व्यय 13,216.34 करोड़ रुपये रहा।
केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं में थोड़ा कम उपयोग किया गया। यह 81.79 प्रतिशत रहा। आवंटित किये गए 6,573.73 करोड़ रुपये में से 5,376.73 करोड़ रुपये ही खर्च किए गए।
रिपोर्ट में, पिछले वित्त वर्ष की तुलना में निधि की उपलब्धता और उपयोग, दोनों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। वित्त वर्ष 2023-24 में केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए आवंटन का केवल 49.45 प्रतिशत ही उपयोग किया गया था।
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प्रीति सुभाष
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