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Thursday, 26 September, 2024
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राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका की स्थिति बताए केंद्र: अदालत

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नयी दिल्ली, 26 सितंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को केंद्र से कांग्रेस नेता राहुल गांधी की नागरिकता के मुद्दे पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में लंबित याचिका की एक प्रति प्राप्त करने को कहा।

अदालत ने कहा कि इसी मुद्दे से संबंधित एक याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय सुनवाई कर रहा है और दो अदालतें एक ही मुद्दे पर एकसाथ सुनवाई नहीं कर सकती हैं।

अदालत ने कहा कि मामले में आगे बढ़ने से पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय में लंबित याचिका के बारे में स्थिति जानना न्याय के हित में होगा।

उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘हमने अखबार में पढ़ा है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय भी इसी मुद्दे पर सुनवाई कर रहा है। दो अदालतें एक ही मुद्दे पर एकसाथ सुनवाई नहीं कर सकती हैं।’’

मुख्य न्यायाधीश के पद पर नामित न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा, ‘‘आप (केंद्र) इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका की स्थिति का पता करें और याचिका की एक प्रति भी प्राप्त करें। हम सिर्फ आश्वस्त होना चाहते हैं कि हम किसी के अधिकार क्षेत्र में तो प्रवेश नहीं कर रहे हैं।’’

पीठ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उन्होंने राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता को रद्द करने के अनुरोध वाले उनके आवेदन पर गृह मंत्रालय को निर्णय लेने का निर्देश देने का आग्रह किया था।

स्वामी ने अपनी याचिका में गृह मंत्रालय को यह निर्देश देने का अनुरोध किया था कि वह लोकसभा में विपक्ष के नेता गांधी के खिलाफ उनके द्वारा दायर किए गए अभिवेदन पर स्थिति रिपोर्ट पेश करे।

वकील सत्य सभरवाल द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि छह अगस्त, 2019 को स्वामी ने मंत्रालय को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि गांधी ने ब्रिटिश सरकार के समक्ष ‘‘स्वेच्छा से’’ यह खुलासा किया था कि वह ब्रिटिश नागरिक थे, जो ब्रिटिश पासपोर्ट रखने के योग्य हैं।

सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से पेश वकील ने अदालत से इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दायर याचिका की प्रति प्राप्त करने के लिए समय देने का अनुरोध किया था।

पीठ ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख नौ अक्टूबर निर्धारित की है।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने बुधवार को केंद्र से पूछा था कि क्या उसने नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत दायर उस अभिवेदन पर कोई निर्णय लिया है जिसमें गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता होने के आरोपों की जांच करने के लिए कहा गया है।

अदालत कर्नाटक से भाजपा कार्यकर्ता एस. विग्नेश शिशिर द्वारा दायर जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रही थी जिसमें दावा किया गया था कि उन्होंने गांधी के ब्रिटिश नागरिक होने के मुद्दे पर विस्तृत जांच की है और उन्हें कई नयी जानकारियां मिली हैं।

दिल्ली उच्च न्यायालय में अपनी याचिका में स्वामी ने कहा है कि कांग्रेस नेता ने भारतीय नागरिक होते हुए, संविधान के अनुच्छेद 9 और भारतीय नागरिकता अधिनियम का उल्लंघन किया है और अब वह भारतीय नागरिक रहने के पात्र नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी शिकायत की स्थिति जानने के लिए मंत्रालय के समक्ष कई अभिवेदन भेजे लेकिन न तो कोई कार्रवाई की गई और न ही उन्हें इस बारे में सूचित किया गया।

भाषा सुरभि नरेश प्रशांत

प्रशांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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