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Thursday, 28 August, 2025
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केंद्र ने आठ लाख परिवारों के राशनकार्ड रद्द करने की साजिश रची: पंजाब के मंत्री

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होशियारपुर (पंजाब), 24 अगस्त (भाषा) पंजाब सरकार में मंत्री रवजोत सिंह ने रविवार को केंद्र पर आरोप लगाया कि वह करीब आठ लाख परिवारों के राशन कार्ड रद्द करके और लगभग 32 लाख लाभार्थियों को उनके मूल अधिकारों से वंचित करके राज्य के गरीबों के खिलाफ ‘‘साजिश रच रही है।’’

सिंह ने यहां प्रेसवार्ता में कहा कि 2022 के बाद से, जब पंजाब के लोगों ने आम आदमी पार्टी (आप) को ऐतिहासिक जनादेश दिया, राज्य में भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार ने किसानों, मजदूरों, गरीबों और आम आदमी के हितों की रक्षा के लिए कई जन-हितैषी फैसले किए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इसके विपरीत, भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने हमेशा पंजाब के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया है। चाहे किसानों का मुद्दा हो या अन्य मामले, केंद्र पंजाब को निशाना बनाने के तरीके ढूंढते रहता है।’’

मंत्री ने दावा किया कि राशन कार्ड रद्द करने का नवीनतम कदम केंद्र सरकार की गरीब-विरोधी मानसिकता को ‘उजागर’ करता है, क्योंकि ये कार्ड वास्तव में जरूरतमंद परिवारों को जारी किए गए हैं।

देश के प्रति पंजाब के योगदान पर प्रकाश डालते हुए सिंह ने कहा कि राज्य हमेशा संकट के समय अग्रिम पंक्ति में खड़ा रहा है-चाहे वह युद्ध हो या खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘पंजाब देश का 40 प्रतिशत गेहूं और 26 प्रतिशत चावल पैदा करता है, फिर भी केंद्र पंजाब के साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार कर रहा है।’’

इस बीच, ‘आप’ ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और केंद्र पंजाब के लोगों एवं किसानों को ‘परेशान’ करने के लिए मुफ्त राशन वितरण बंद करने की ‘साजिश’ रच रहे हैं।

पार्टी ने एक बयान में कहा, ‘‘लेकिन हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे और एक भी पंजाबी का नाम मुफ्त राशन सूची से नहीं हटने देंगे।’’

राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी ने आरोप लगाया कि ई-केवाईसी के बहाने केंद्र ने जुलाई में 23 लाख पंजाबियों का राशन बंद कर दिया। उसने कहा कि अब केंद्र सरकार 30 सितंबर से 32 लाख और लोगों का राशन रोकने की धमकी दे रही है।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को दावा किया था कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत राज्य में आठ लाख से अधिक राशन कार्ड धारकों के नाम हटाना चाहती है, लेकिन उनकी सरकार ऐसा नहीं होने देगी।

हालांकि, केंद्र सरकार ने रविवार को कहा कि उसने पंजाब में खाद्य कानून के तहत एक भी लाभार्थी का नाम नहीं हटाया है और न ही खाद्यान्न कोटा कम किया है।

केंद्र ने राज्य की ‘आप’ सरकार से कहा कि वह आंकड़ों को दुरुस्त करे, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि केवल पात्र गरीबों को ही राशन मिले।

भाषा

राजकुमार पारुल

पारुल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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