ठाणे, चार मई (भाषा) केंद्र सरकार सोशल मीडिया और ओटीटी मंचों पर हानिकारक सामग्री के प्रसारण को विनियमित करने की बढ़ती मांग के मद्देनजर मौजूदा प्रावधानों की समीक्षा करेगी और एक नये कानूनी ढांचे की आवश्यकता का पता लगाएगी। सांसद नरेश म्हस्के ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के जवाब का हवाला देते हुए यह जानकारी दी।
ठाणे से शिवसेना सांसद म्हस्के ने कहा कि उन्होंने बजट सत्र के दौरान संसद में इस मुद्दे पर गंभीर चिंता जताई थी और ओटीटी (ओवर द टॉप) सेवाओं एवं सोशल मीडिया सहित डिजिटल मंचों पर प्रसारित की जा रही अश्लील, आपत्तिजनक और हिंसक सामग्री के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की थी।
म्हस्के ने रविवार को एक विज्ञप्ति में बताया कि केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उनकी चिंताओं का जवाब 28 अप्रैल को दिया।
उन्होंने कहा कि वैष्णव ने अपने जवाब में सांसदों और राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) जैसी संवैधानिक संस्थाओं की ओर से उठाए गए मुद्दों को आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया।
विज्ञप्ति के मुताबिक, वैष्णव ने कहा कि सोशल मीडिया पर प्रसारित सामग्री के मुद्दे पर उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय में चर्चा हुई है।
उन्होंने कहा कि हालांकि, कुछ कानूनी प्रावधान मौजूद हैं, लेकिन हानिकारक सामग्री के नियमन के लिए एक नये सख्त कानूनी ढांचे की मांग जोर पकड़ रही है।
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