नई दिल्ली: केंद्र ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मामले में सुनवाई के लिए एक विशेष सरकारी वकील नियुक्त किया है, जिसकी जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी कर रही है. साथ ही, आरोपी सह-साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा को भारत लाया जा रहा है.
एक महानिरीक्षक और एक उप महानिरीक्षक की टीम ने राणा को अमेरिका में हिरासत में लिया है. टीम के गुरुवार दोपहर दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है. पुलिस ने विशेष व्यवस्था की है और राणा को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत में पेश किया जाएगा.
बुधवार रात जारी एक गजट अधिसूचना में, गृह मंत्रालय ने कहा कि अधिवक्ता नरेंद्र मान 2008 के आतंकी हमले के पीछे एक बड़ी साजिश की जांच के लिए एनआईए द्वारा दर्ज मामले में दिल्ली में एक विशेष एनआईए अदालत और अपीलीय अदालतों के समक्ष मुकदमे की प्रक्रिया की देखरेख करेंगे.
नवंबर 2009 में, एनआईए ने अमेरिकी नागरिक और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के ऑपरेटिव डेविड कोलमैन हेडली, कनाडाई नागरिक और पाकिस्तानी सेना में पूर्व डॉक्टर तहव्वुर हुसैन राणा और साजिद मीर सहित पाकिस्तान में उनके कई आकाओं के खिलाफ मामला दर्ज किया था. दिसंबर 2011 में, एनआईए ने नौ आरोपियों के खिलाफ मामले में आरोप पत्र दायर किया था, जिसमें लश्कर प्रमुख हाफिज मुहम्मद सईद के साथ-साथ पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस के दो अधिकारी मेजर इकबाल और मेजर समीर अली भी शामिल थे.
मामले में मुकदमा लंबित है क्योंकि सभी आरोपी या तो पाकिस्तान या संयुक्त राज्य अमेरिका में थे. राणा मुकदमे का सामना करने वाला पहला व्यक्ति होगा.
राजपत्र अधिसूचना में कहा गया है, “राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम, 2008 (2008 का 34) की धारा 15 की उप-धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के साथ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (बीएनएसएस) की धारा 18 की उप-धारा (8) के तहत केंद्र सरकार एतद्द्वारा श्री नरेंद्र मान, अधिवक्ता को दिल्ली में एनआईए विशेष अदालतों और अपीलीय अदालतों के समक्ष राष्ट्रीय जांच एजेंसी की ओर से एनआईए मामला आरसी-04/2009/एनआईए/डीएलआई से संबंधित मुकदमे और अन्य मामलों के संचालन के लिए विशेष लोक अभियोजक के रूप में नियुक्त करती है. यह नियुक्ति इस अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से तीन साल की अवधि के लिए या उक्त मामले के मुकदमे के पूरा होने तक, जो भी पहले हो, के लिए की गई है.”
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