नयी दिल्ली, 1 फरवरी (भाषा) सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत गैर आवासीय कार्यालय भवनों के निर्माण के लिए आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय को वर्ष 2022-23 के बजट में 2600 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसमें संसद और उच्चतम न्यायालय भी शामिल हैं।
यह रकम पिछले साल दिए गए 1833.43 करोड़ रुपये के मुकाबले 767.43 करोड़ रुपये अधिक है। सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना, देश की सत्ता का गलियारा, के तहत नए त्रिकोणीय संसद भवन, एक कॉमन केंद्रीय सचिवालय, इंडियागेट तक तीन किलोमीटर लंबे राजपथ का पुनरुद्धार, नया प्रधानमंत्री आवास, नया प्रधानमंत्री कार्यालय और नए उपराष्ट्रपति एंक्लेव का निर्माण शामिल है।
गैर आवासीय भवनों के निर्माण के लिए अब तक 2600.99 करोड़ रुपये अब तक आवंटित किए जा चुके हैं, जिसमें संसद और उच्चतम न्यायालय शामिल हैं। मंत्रालय को आवासीय उद्देश्य से 873.02 करोड़ रुपये दिए गए हैं। आधारभूत ढांचा निर्माण से जुड़ी छह कंपनियां एग्जिक्यूटिव एंक्लेव का ठेका हासिल करने की होड़ में शामिल हैं, जिसमें टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड, एल एंड टी लिमिटेड, शापूरजी पल्लोनजी एंड कंपनी लिमिटेड के भी नाम हैं। एग्जिक्यूटिव एंक्लेव में ही नया पीएमओ, कैबिनेट सचिवालय, इंडिया हाउस और नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल सचिवालय होगा।
भाषा संतोष उमा
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