कोझिकोड, 31 अगस्त (भाषा) केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने रविवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार मानव-पशु संघर्ष को कम करने के लिए राज्य के साथ सहयोग नहीं कर रही है।
विजयन ने यहां वन विभाग की एक परियोजना की शुरुआत करने के अवसर पर यह बात कही। इस परियोजना का उद्देश्य राज्य में जंगली जानवरों के हमलों को कम करना है।
विजयन ने कहा, ‘‘ पिछले पांच वर्षों में वन्यजीवों के हमले से हुई मौत के मामलों में 79.14 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया है।’’
मुख्यमंत्री ने दावा किया, ‘‘वर्ष 2023-24 में 95 प्रतिशत आवेदकों को मुआवजा दिया गया। इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से बहुत कम राशि दी गयी। यद्यपि उन्हें राशि बढ़ाने के लिए लिखा गया है, फिर भी केंद्र सरकार द्वारा इस संबंध में कोई अनुकूल निर्णय नहीं लिया गया है।’’
विजयन ने कहा कि राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ मौजूदा बजट में वन्यजीवों के हमलों से निपटने के लिए परियोजनाओं के लिए 70 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।’’
विजयन ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के प्रस्तावों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी है। उदाहरण के लिए, हमने उनसे कृषि को नुकसान पहुंचाने वाले जंगली सूअरों को हिंसक जानवर घोषित करने का अनुरोध किया। लेकिन केंद्र ने अनुरोध को अस्वीकार कर दिया।’’
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का रुख यह है कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की अनुसूची 1 और 2 के अंतर्गत सूचीबद्ध जंगली जानवरों को, चाहे वे जंगल के भीतर हों या बाहर, वन्यजीव माना जाना चाहिए और कानून में बदलाव नहीं किया जा सकता।
भाषा रविकांत दिलीप
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