मुंबई: केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों और सरकार के बीच सातवें दौर की बातचीत से पहले अभिनेता एवं पूर्व सांसद धर्मेन्द्र ने सोमवार को कहा कि वह दिल से दुआ करते हैं कि इन किसानों को आज इंसाफ मिले.
भीषण सर्दी और बारिश के बीच हजारों किसान राष्ट्रीय राजधानी से लगी सीमाओं पर करीब एक महीने से केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
धर्मेन्द्र ने ट्वीट किया, ‘आज, मेरे किसान भाइयों को इंसाफ मिल जाए. हाथ जोड़कर, जी जान से अरदास करता हूं, हर एक रूह को सुकून मिल जाएगा.’
Aaj , mere kisaan bhaiyon ko insaaf mil jaye . Ji jaan se Ardaas karta hoon ? Har nek rooh ko sakoon mil jaye ga …… pic.twitter.com/27VJJLatTr
— Dharmendra Deol (@aapkadharam) January 4, 2021
धर्मेन्द्र ने पहली बार किसान संकट पर अपने विचार व्यक्त नहीं किए हैं.
इससे पहले, दिसंबर में भी धर्मेन्द्र ने केन्द्र से कृषि कानूनों के खिलाफ जारी प्रदर्शन का समाधान खोजने की अपील की थी.
उन्होंने ट्वीट किया था, ‘मैं अपने किसान भाइयों का दर्द देख काफी दुखी हूं. सरकार को जल्द कुछ करना चाहिए.’
इस साल सितम्बर में अमल में आए तीनों कानूनों को केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश किया है. उसका कहना है कि इन कानूनों के आने से बिचौलिए की भूमिका खत्म हो जाएगी और किसान अपनी उपज देश में कहीं भी बेच सकेंगे.
हरियाणा पुलिस ने दिल्ली की तरफ जा रहे किसानों के एक समूह पर रेवाड़ी जिले के मसानी बांध के पास रविवार की शाम को आंसू गैस के गोले छोड़े थे.
किसानों ने बुधला सांगवारी गांव के पास पहले पुलिस बैरीकेड तोड़ डाले और फिर शाम में उन्होंने दिल्ली की तरफ बढ़ने की कोशिश की थी.
राजस्थान, हरियाणा और कुछ अन्य स्थानों के किसान पिछले कुछ दिनों से जयपुर-दिल्ली राजमार्ग पर भी प्रदर्शन कर रहे हैं.
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दिल्ली में सोमवार को कई मार्ग बंद
केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली को गाजियाबाद और नोएडा से जोड़ने वाले गाजीपुर और चिल्ला बॉर्डर सोमवार को बंद हैं.
यातायात पुलिस ने लोगों से आनंद विहार, डीएनडी, भोपुरा और लोनी बॉर्डर से होकर दिल्ली आने का सुझाव दिया है.
विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी को लेकर विभिन्न राज्यों के किसान दिल्ली से लगी सीमाओं पर पिछले 40 दिन से डटे हैं.
इन किसानों को रविवार सुबह काफी परेशनी का सामना भी करना पड़ा था, क्योंकि रातभर हुई बारिश के कारण उनके तंबूओं में पानी भर गया था और ठंड से बचने के लिए जिन लकड़ियों का इस्तेमाल वे आग जलाने के लिए कर रहे थे , वे भीग गईं और उनके कम्बल भी गीले हो गए थे. हालांकि किसानों ने कहा कि इससे उनकी हिम्मत नहीं टूटेगी और उनकी मांगे पूरी होने तक प्रदर्शन जारी रखेंगे.
किसान पिछले साल नवम्बर से दिल्ली की कई सीमाओं पर डटे हैं और यातायात पुलिस के अधिकारी लगातार ट्विटर पर लोगों को बंद एवं परिवर्तित मार्गों की जानकारी दे रहे हैं.
यातायात पुलिस ने सोमवार को सिलसिलेवार ट्वीट में बताया कि सिंघू, औचंदी, प्याऊ मनियारी, सबोली और मंगेश बॉर्डर बंद हैं.
उसने कहा, ‘कृपया लामपुर, सफियाबाद, पल्ला और सिंघू स्कूल टोल टैक्स बार्डर से होकर जाएं. मुकरबा और जीटेके रोड पर भी यातायात परिवर्तित किया गया है. आउटर रिंग रोड, जीटीके रोड और एनएच-44 पर जाने से भी बचें.’
उसने ट्वीट किया, ‘चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर नोएडा तथा गाजीपुर से दिल्ली आने वाले लोगों के लिए बंद है. कृपया आनंद विहार, डीएनडी, अप्सरा, भोपुरा और लोनी बॉर्डर से होकर दिल्ली आएं.’
उसने कहा कि टिकरी, ढांसा बॉर्डर पर यातायात पूरी तरह बंद है.
यातायात पुलिस ने कहा, ‘झटीकरा बॉर्डर केवल हल्के वाहनों, दो-पहिया वाहनों और राहगीरों के लिए खुला है.’
उसने कहा कि हरियाणा जाने के लिए झाड़ोदा (वन सिंगल कैरिजवे), दौराला, कापसहेड़ा, रजोकरी एनएच-8, बिजवासन/ बजघेड़ा, पालम विहार और डूंडाहेड़ा बॉर्डर खुले हैं.
इस साल सितम्बर में अमल में आए तीनों कानूनों को केन्द्र सरकार ने कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश किया है. उसका कहना है कि इन कानूनों के आने से बिचौलिए की भूमिका खत्म हो जाएगी और किसान अपनी उपज देश में कहीं भी बेच सकेंगे.
दूसरी तरफ, प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों का कहना है कि इन कानूनों से एमएसपी का सुरक्षा कवच खत्म हो जाएगा और मंडियां भी खत्म हो जाएंगी तथा खेती बड़े कारपोरेट समूहों के हाथ में चली जाएगी.
सरकार लगातार कह रही है कि एमएसपी और मंडी प्रणाली बनी रहेगी और उसने विपक्ष पर किसानों को गुमराह करने का आरोप भी लगाया है.
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