नयी दिल्ली, 16 जुलाई (भाषा) दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि केंद्र सरकार ने एकल उपयोग प्लास्टिक (एसयूपी) पर प्रतिबंध लगाने से पहले विनिर्माण इकाइयों को हरित विकल्पों को अपनाने के लिए तैयार करने और लोगों को विकल्प मुहैया कराने के लिए पर्याप्त तैयारी नहीं की।
राय ने कहा कि प्रतिबंधों को जबरन लागू नहीं किया जा सकता। उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार ने प्रतिबंध लागू करने से पहले राज्य के पर्यावरण मंत्रियों के साथ बैठक तक नहीं की।
राय ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इसकी (प्रतिबंध की घोषणा में) पूरी तैयारी नहीं की गई। हितधारकों को विकल्पों के बारे में बताया जाना चाहिए था और उन्हें हरित विकल्पों को अपनाने में मदद के लिए सरकार द्वारा मुहैया कराए जाने वाले सहयोग के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए थी।… मुझे लगता है कि प्रतिबंध की घोषणा करने से पहले इस मामलों को निपटाया जाना चाहिए था।’’
मंत्री ने कहा कि एकल उपयोग प्लास्टिक के विकल्पों के लिए इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल पर अधिक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाया जाता है, जिसके कारण ये उत्पाद लोगों के लिए व्यवहारिक नहीं रहते।
राय ने कहा, ‘‘प्रतिबंध लगाने से पहले हरित विकल्पों और उनके कच्चे माल पर जीएसटी में कटौती की जानी चाहिए थी।… केंद्र सरकार को उचित तंत्र बनाना चाहिए था। प्रतिबंध जबरन लागू नहीं किए जा सकते।’’
मंत्री ने कहा कि यदि केंद्र सरकार और राज्य सरकारें प्लास्टिक प्रदूषण को रोकना चाहती है, तो कानूनों का मसौदा तैयार करने के अलावा, उन्हें उपलब्ध विकल्पों पर काम करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार ने एकल उपयोग प्लास्टिक सामग्रियों के विकल्पों को बढ़ावा देने के लिए त्यागराज स्टेडियम में तीन दिवसीय मेला आयोजित किया। हमें यह पता चला कि इस प्रकार की सामग्रियां बना रही इकाइयां विकल्पों का इस्तेमाल करने की इच्छुक हैं, लेकिन आवश्यक स्वीकृति हासिल करने में लंबा समय (करीब एक साल का) लगता है।’’
राय ने कहा, ‘‘तब तक मशीनें और कारखाने बेकार पड़े रहेंगे। इस अवधि में श्रमिकों का क्या होगा?’’
देश भर में एक जुलाई से पॉलीस्टाइनिन और विस्तारित पॉलीस्टाइनिन सहित पहचान की गई एसयूपी वस्तुओं के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है।
एसयूपी वस्तुओं में ईयरबड, गुब्बारे के लिए प्लास्टिक की छड़ें, झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, पॉलीस्टाइनिन (थर्मोकोल), प्लेट, कप, गिलास, कांटे, चम्मच, चाकू, ट्रे, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट के पैकेट, 100 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक या पीवीसी बैनर और रैपिंग या पैकेजिंग शामिल हैं।
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सिम्मी अमित
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