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Monday, 23 December, 2024
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उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद सोनागाछी में यौनकर्मियों के बीच जश्न का माहौल

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(रूमेला सिन्हा) (तस्वीर के साथ)

कोलकाता, 27 मई (भाषा) एशिया में वेश्यावृति धंधे से जुड़े सबसे बड़े जिलों में एक कोलकाता के सोनागाछी में गलियां एवं सड़कें शुक्रवार को संगीत और जश्न में डूबी नजर आयीं। यहां यौन कमियों ने उच्चतम न्यायालय के उस फैसले पर खुशियां मनायी जिसने वेश्यावृति को पेशे के रूप में मान्यता दी है।

यौनकर्मियों ने एक दूसरे के चेहरे पर अबीर-गुलाल लगाया और उन्होंने आपस में मिठाइयां बांटी। उन्होंने अदालती आदेश को ‘गरिमामय जीवन की दिशा में उठाया गया एक कदम ’’ करार दिया।

यौनकर्मियों के कल्याण का काम देखने वाले गैर सरकारी संगठन दरबार महिला समन्वय समिति की अधिकारी महाश्वेता मुखर्जी ने कहा कि संगठन का ‘‘27 साल का संघर्ष रंग लाया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ इस ऐतिहासिक फैसले पर जश्न मनाने के लिए हमने दिन के लिए दो कार्यक्रम तय किये थे। सोनागाछी में सुबह में महिलाओं ने एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगाया एवं आपस में मिठाइयां बांटी। शाम को माहवारी स्वच्छता के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक कार्यक्रम किया गया, ऐसा करते हुए इस बात को ध्यान में रखा गया कि कल विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस है।’’

मुखर्जी ने कहा कि लेकिन अदालत अब भी वेश्यालयों को अवैध मानती है।

यौनकर्मी और समिति की अध्यक्ष बिसाखा लस्कर (44) ने कहा कि शीर्ष अदालत का फैसला कई महिलाओं के लिए राहत लाएगा जिन्हें वेश्यावृति का बतौर पेशा चुनने पर नियमित रूप से उत्पीड़ित किया जाता है।

लस्कर ने कहा, ‘‘केवल हममें से कुछ लोगों को ही नहीं , बल्कि ग्राहकों को भी , जब वे सोनागाछी से बाहर जाते हैं तब, पुलिसकर्मी परेशान करते हैं। मैं उम्मीद कर रही हूं कि यह फैसला हमारे लिए गरिमामय जीवन की ओर एक कदम होगा। ’’

शीर्ष अदालत ने कहा कि मानवीय शालीनता एवं गरिमा यौनकर्मियों एवं उनके बच्चों का भी हक है। उच्चतम न्यायालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पुलिस बलों को यौनकर्मियों और उनके बच्चों के साथ सम्मान के साथ व्यवहार करने और मौखिक या शारीरिक रूप से दुर्व्यवहार नहीं करने का निर्देश दिया है।

एक यौनकर्मी की बेटी संगीता पाल ने कहा कि उन्हें (उसके जैसे बच्चों को) नीचा देखा जाता है जबकि उनकी कोई गलती भी नहीं है।

भाषा राजकुमार उमा

उमा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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