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Sunday, 3 November, 2024
होमदेशनिर्भया के दोषियों को फांसी के बाद देश में खुशी, पिता बोले-न्याय दिवस के रूप में मनाया जाए आज का दिन

निर्भया के दोषियों को फांसी के बाद देश में खुशी, पिता बोले-न्याय दिवस के रूप में मनाया जाए आज का दिन

16 दिसंबर 2012 की उस काली रात को निर्भया के साथ बर्बरता को अंजाम देने वाले चारों दोषियों मुकेश कुमार सिंह, पवन गुप्ता, विनय श्रमा और अक्षय कुमार को आज सुबह तड़के फांसी दे दी गई.

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नई दिल्ली: इंसाफ मिलने की रात लंबी जरूर थी लेकिन खुशी इस बात की है कि इंसाफ मिला है. यह इंसाफ सिर्फ निर्भया को नहीं मिला है बल्कि देश की हर उस महिला और बच्चियों को मिला है. तिहाड़ जेल के बाहर सात साल बाद मिलने जा रहे इंसाफ में शामिल होने सैकड़ों की संख्या में लोग एकत्रित हुए.

तिहाड़ के गेट नंबर तीन के बाहर सड़क की दोनों तरफ़ सौ से डेढ़ सौ लोग इक्ट्ठा थे. ‘निर्भया जिंदाबाद’ के साथ साथ लोगों ने ‘एक बेटी को न्याय मिला हर बेटी को न्याय दो के नारे लगाए.’ तरह तरह के नारों के बीच, एपी सिंह मुर्दाबाद के भी नारे लगे. सिंह आरोपियों के वकील रहे हैं जिन्होंने फांसी में देर कराने से जुड़ी कोई कसर बाक़ी नहीं छोड़ी.

तिहाड़ के बाहर सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद थी.

सात साल बाद मिला इंसाफ

16 दिसंबर 2012 की उस काली रात को निर्भया के साथ बर्बरता को अंजाम देने वाले चारों दोषियों मुकेश कुमार सिंह, पवन गुप्ता, विनय श्रमा और अक्षय कुमार को आज सुबह तड़के फांसी दे दी गई. तिहाड़ जेल के डीजी संदीप गोयल ने दोषियों को फांसी दिए जाने की जैसे ही पुष्टि की तिहाड़ के बाहर मौजूद लोगों ने तालियां बजा कर, इंकलाब जिंदाबाद कहकर खुशी का इज़हार किया.

यह पहली बार है जब चार दोषियों को एक साथ फांसी की सजा दी गई है.


यह भी पढ़ें: निर्भया को इंसाफ: चारों दोषियों को फांसी पर लटकाया गया, मां बोली- आज का दिन देश की बेटियों के नाम


फांसी की सजा दिए जाने के आधे घंटे बाद तिहाड़ जेल में मौजूद डॉक्टरों ने उनकी मौत की पुष्टि की, अधिकारियों के अनुसार चारों दोषियों को पोस्टमार्टम के लिए दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल ले जाया जाएगा जहां उनकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाएगी.

बैनर पोस्टर लेकर लोग तिहाड़ पहुंचे/ फोटो/सूरज सिंह बिष्ट/दिप्रिंट

चारों दोषियों को फांसी दिए जाने की जैसे ही खबर तिहाड़ जेल के बाहर मीडिया रिपोर्ट्स में पता चली वैसे ही वहां मौजूद लोग भावुक हो गए और जिसे जो समझ आया वह अपनी खुशी के इजहार में वहीं करने लगा. कोई ताली बजा रहा था…किसी की आंखें भर आईं. कोई निर्भया के इंसाफ मिलने के बाद नारेबाजी करने लगा.

सैंकड़ों की संख्या में मौजूद लोग मीठा लेकर भी पहुंचे और उन्होंने एक दूसरे को मीठा खिलाकर खुशी का इज़हार किया. ऐसा नहीं थी इस इंसाफ की सुबह के इंतजार में सिर्फ तिहाड़ के आस पास के लोग मौजूद ते बल्कि दूर-दराज से भी लोग वहीं पहुंचे थे.

तिहाड़ जेल के बाहर देर रात से खड़ी पश्चिमी दिल्ली से आने वाले आशना (29) ने दिप्रिंट से कहा, ‘सात साल तीन महीने बाद आख़िरकार महिलाओं को न्याय मिला. लोग आज उसी तरह से संकड़ों पर आए हैं जैसे उस वक्त यानी 2012 के दिसंबर में आए थे.’

भावुक आशना आगे कहती हैं, ‘हमारे संविधान ने न्याय देने में सात साल से ज़्यादा का समय लिया. वो भी तब जब लोग सड़कों पर आए. ‘

तिहाड़ जेल के बाहर हजारों लोग निर्भया को मिलने इंसाफ का इंतजार करता हुजूम/ फोटो/ सूरज सिंह बिष्ट/ दिप्रिंट

आशना को उम्मीद है कि शायद इस फांसी के बाद देश में महिलाओं और बच्चियों की स्थिति थोड़ी बदले और देश के लोगों को इंसाफ के लिए सड़कों पर न उतरना पड़े. वह कहती हैं कि देश के लोगों को कोर्ट और प्रशासन पर दबाव डालकर ऐसा करवाने का श्रेय जाना चाहिए. हालांकि महिलाओं के लिए कुछ भी नहीं बदला. अभी भी सब वैसा ही है. शायद इस फांसी के बाद स्थिति थोड़ी बदले.

वहीं तिहाड़ के बाहर मौजूद सना (23) ने कहा कि इस फांसी के बाद भी कुछ नहीं बदलने जा रहा है लेकिन हमें ख़ुशी है कि चारों दोषियों को फांसी दे दी गई और कम से कम निर्भया को न्याय मिला.

एक तरफ जहां लोगों को निर्भया को लंबे इंतजार के बाद इंसाफ मिलने की खुशी थी वहीं इंसाफ मिलने में हुई देरी का मलाल भी देखने को मिल रहा था.

सना के साथ मौजूद दिव्या धवन ने कहा कि ये सही हुआ लेकिन अगर इसमें इतनी देर नहीं होती तो बेहतर होता. महिलाओं की स्थिति नहीं बदली है. हर बीतते दिन के साथ ये बदतर होती जा रही है.

तिहाड़ के गेट नंबर तीन के बाहर सड़क की दोनों तरफ़ सौ से डेढ़ सौ लोग इक्ट्ठा हैं. तरह तरह के नारों के बीच निर्भया ज़िंदाबाद, एपी सिंह मुर्दाबाद के भी नारे लगे. सिंह आरोपियों के वकील रहे हैं जिन्होंने फाँसी में देर कराने से जुड़ी कोई कसर बाक़ी नहीं छोड़ी.

न्याय दिवस और खुशी

निर्भया के दोषियों को मिली फांसी के बाद मां आशा देवी मीडिया से बातचीत करते हुए कई-कई बार भावुक हुईं और उन्होंने कहा- ‘ ये हमारे सात वर्षों के संघर्ष की जीत है. मैं न्यायपालिका, मीडिया, राष्ट्रपति और सबका शुक्रिया अदा करती हूं.’

भावुक मां ने कहा कि आज का दिन देश की बच्चियों और महिलओं का दिन है उनको मिलने वाले इंसाफ का दिन है. उन्होंने कहा कि आज न्यायव्यवस्था ने महिलाओं में विश्वास पैदा किया है कि अगर उनके साथ गलत होगा तो देर से ही सही न्याय मिलेगा. एकबार फिर न्यायव्यवस्था पर विश्वास बना है. बस हमें धैर्य के साथ लड़ाई लड़नी होगी.

‘बेटियों के मां बाप से उन्होंने गुजारिश की कि वह अपनी बेटियों का साथ दें.’ उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है कि मैं निर्भया की मां हूं, दुनिया में लोगों ने मुझे निर्भया की मां के रूप में सलाम किया है.

मां आशा देवी ने कहा,’ मैं शांत नहीं बैठूगीं, बल्कि देश की बेटियों के लिए लड़ाई जारी रखूंगी.’

दोषियों को फांसी होने के बाद लंबे समय से इंसाफ की जंग लड़ रहीं निर्भया की मां आशा देवी ने कहा, ‘हमारी बेटी इस दुनिया में नहीं है और नहीं वापस लौटेगी. हमने उसके जाने के बाद यह लड़ाई शुरू की, यह संघर्ष उसके लिए था लेकिन हम अपनी और बेटियों के लिए यह लड़ाई जारी रखेंगे.

वहीं निर्भया के पिता बद्रीनाथ सिंह ने कहा कि न्याय के लिए हमारा इंतजार बेहुत पीड़ादायी रहा है. हम अपील करते हैं कि आज का दिन निर्भया ‘न्याय दिवस’ के तौर पर मनाया जाए.उन्होंने कहा कि आज सिर्फ हमें इंसाफ नहीं मिला है बल्कि यह देश की बेटियों की जीत है और यह सब हो पाया मीडिया, सोसाइटी और दिल्ली पुलिस की मदद से. आप मेरे चेहरे की मुस्कान से मेरे दिल का हाल समझ सकते हैं.

इंसाफ 

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने इस मौके पर कहा,’ एक उदाहरण आज सेट किया गया है लेकिन यह पहले किया जा सकता था. अब लोगों को पता है कि उन्हें सजा दी जाएगी, आप तारीख बढ़ा सकते हैं लेकिन आपको सजा मिलेगी.

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने आज के दिन को ऐतिहासिक बताया है. उन्होंने कहा, ‘स्वाति मालीवाल ने कहा कि निर्भया मामले के चारों दोषियों को फांसी पूरे देश की जीत है.’

स्वाति ने कहा कि सात साल के इंतजार के बाद न्याय की जीत हो गई. उन्होने कहा कि इस मामले में न्याय के लिए लोग सड़कों पर आ गए थे.

स्वाति ने ट्वीट किया ‘यह पूरे देश की जीत है.अब हमें एक मजबूत व्यवस्था बनानी होगी.’ उन्होंने ट्वीट किया ‘सत्यमेव जयते.’

‘यह एक ऐतिहासिक दिन है, निर्भया को सात साल बाद इंसाफ मिल सका, उसकी आत्मा को आज शांति मिली होगी. देश ने दुष्कर्मियों को यह बता दिया है कि अगर वह ऐसा अपराध करेंगे तो उन्हें फांसी पर लटका दिया जाएगा.

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