नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कोविड-19 के मद्देनजर कक्षा 9 से 12 के छात्रों के लिए अपने पाठ्यक्रमों को संशोधित किया है. कक्षा 11 की राजनीति विज्ञान की किताबों से संघवाद, राष्ट्रवाद और धर्मनिरपेक्षता जैसे विषयों, और कक्षा-12 की राजनीति विज्ञान से भारत के पड़ोसियों से संबंध जैसे अन्य विषयों को बाहर कर दिया गया है.
कक्षा 10 के राजनीति विज्ञान के पाठ्यक्रम के लिए, जो सामाजिक विज्ञान के अंतर्गत आता है से ‘लोकतंत्र और विविधता’, ‘लिंग, धर्म और जाति’, ‘लोकप्रिय संघर्ष और आंदोलन’ और ‘लोकतंत्र के लिए चुनौतियां’ पर पूरे अध्याय को हटा दिया गया है.
यह बदलाव 2020-21 बैच के छात्रों के लिए लागू होंगे
अन्य विषयों में, सीबीएसई ने कक्षा 12 के व्यावसायिक अध्ययन की पुस्तकों से नोटबंदी को हटा दिया है. लगभग सभी विषयों में अध्यायों को हटाने और विषयों को घटाने का काम किया गया है. विज्ञान विषयों के लिए भी व्यावहारिक हिस्से को संक्षिप्त किया गया है.
दिप्रिंट ने इससे पहले रिपोर्ट की थी कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) से कक्षा 10-12वीं तक के छात्रों के लिए पाठ्यक्रम को संक्षिप्त करने के लिए कहा था, क्योंकि लॉकडाउन ने स्कूल वर्ष को समाप्त कर दिया था.
मंत्रालय ने संशोधित पाठ्यक्रम मंगलवार को जारी किया है.
‘पाठ्यक्रम को 30% तक घटाया’
ये बदलाव जून में एनसीईआरटी द्वारा सीबीएसई को सौंपे गए सुझावों का परिणाम हैं.
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को कहा कि कक्षा 9 से 12 तक के पाठ्यक्रम को 30 प्रतिशत तक छोटा किया गया है.
उन्होंने ट्वीट कर लिखा है, ‘सीखने के महत्व को देखते हुए, मुख्य अवधारणाओं को बरकरार रखते हुए सिलेबस को 30 प्रतिशत तक तर्कसंगत बनाने का निर्णय लिया गया है.’
To aid the decision, a few weeks back I also invited suggestions from all educationists on the reduction of #SyllabusForStudents2020 and I am glad to share that we received more than 1.5K suggestions. Thank you, everyone, for the overwhelming response.@PIB_India@MIB_India
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) July 7, 2020
सीबीएसई ने सिलेबस संशोधन के लिए महामारी का हवाला देते हुए एक प्रेस बयान भी जारी किया है.
इसमें कहा है, ‘पाठ्यक्रम में संशोधन देश और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में फैले असाधारण हालात की वजह से किया गया एक उपाय है. सीखने के लेवल को पाने के महत्व को ध्यान में रखते हुए, पाठ्यक्रम को मुख्य अवधारणाओं को बनाए रखते हुए जितना हो सकता था तर्कसंगत बनाया गया है.’
बोर्ड ने यह भी कहा है कि उसने स्कूलों के प्रमुखों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि अलग-अलग विषयों को जोड़ने के लिए जिन विषयों को छोड़ दिया गया है इसे छात्रों को समझाया जाए. हालांकि, कम किए गए सिलेबस आंतरिक मूल्यांकन और साल के अंत में होने वाली बोर्ड परीक्षाओं के विषयों का हिस्सा नहीं होंगे.
चॉपिंग ब्लॉक पर अध्याय
सीबीएसई द्वारा अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किए गए सिलेबस के अनुसार, अन्य विषयों के अलावा, कक्षा 12 के छात्र ‘भारत में उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण के विशेष संदर्भ के साथ व्यापार पर सरकार की नीति में बदलाव के प्रभाव’ का अध्ययन नहीं करेंगे.
कक्षा 12 के राजनीतिक विज्ञान के पाठ्यक्रम में, अन्य विषयों में भारत की विदेश नीति पर टॉपिक्स को हटा दिया गया है. छात्र इस साल जो नहीं पढ़ेंगे वह है- ‘भारत के अपने पड़ोसियों के साथ संबंध: पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका और म्यांमार.’
अन्य विषयों में, कक्षा 11 की रसायन विज्ञान की पुस्तकों से ‘पर्यावरण रसायन विज्ञान’ पर पूरा अध्याय हटा दिया गया है.
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