नई दिल्ली: 200 से 300 लोगों की भीड़ ने जांच दल पर हमला किया, टीम की एक महिला सदस्य के साथ दुर्व्यवहार किया और उसे चोट पहुंचाई, सरकारी वाहन में तोड़फोड़ की और चालक को घायल कर दिया – ये आरोप केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की टीम लीडर ने लगाए हैं, जिस पर शनिवार को बिहार के नवादा जिले में हमला किया गया.
सीबीआई की टीम यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (यूजीसी-नेट) की जांच के सिलसिले में बबिता देवी के घर पर छापेमारी करने के लिए रजौली पुलिस के अधिकार क्षेत्र में आने वाले मुरहेना गांव पहुंची थी. 18 जून को विभिन्न शहरों में आयोजित की गई परीक्षा को बाद में “रद्द” घोषित कर दिया गया था, क्योंकि ऐसी सूचना मिली थी कि “परीक्षा करवाने में उचित ईमानदारी नहीं बरती गई है”.
नवादा जिला पुलिस ने रविवार को मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 147 (दंगा), 148 (घातक हथियार से लैस होकर दंगा), 149 (अवैध रूप से एकत्र होना), 152 (लोक सेवक पर हमला), 341 (गलत तरीके से रोकना), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 353 (लोक सेवक को कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए आपराधिक बल का प्रयोग), 427 (शरारत), 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना) और 307 (हत्या का प्रयास) के तहत प्राथमिकी दर्ज की.
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को यूजीसी नेट पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी, जिसके बाद शनिवार को नीट परीक्षा पेपर लीक मामले की भी जांच सीबीआई को सौंप दी गई. एजेंसी ने शुक्रवार को यूजीसी नेट पेपर लीक की जांच के लिए मामला दर्ज किया, और रविवार को नीट पेपर लीक के लिए मामला दर्ज किया गया, जिस पर राज्य सरकार ने उसी दिन अपनी सहमति दे दी.
सीबीआई ने रविवार को एक बयान में कहा कि शिक्षा मंत्रालय ने धोखाधड़ी, गलत पहचान दिखाना, विश्वासघात और उम्मीदवारों, संस्थानों और बिचौलियों द्वारा सबूतों को नष्ट करने के साथ-साथ उल्लंघन के पीछे बड़ी साजिश में लोक सेवकों की भूमिका से जुड़े सभी आरोपों की “व्यापक जांच” की मांग की थी.
सीबीआई ने आगे कहा कि उसने मामले की सर्वोच्च प्राथमिकता पर जांच के लिए पहले ही विशेष टीमों का गठन कर दिया है, जिसके लिए इन टीमों को पटना और गोधरा भेजा जा रहा है, जहां पुलिस परीक्षा केंद्रों पर अनियमितताओं और परीक्षा की पवित्रता के उल्लंघन के मामलों की जांच कर रही है.
नवादा के पुलिस अधीक्षक अंबरीश राहुल ने दिप्रिंट से बात करते हुए कहा कि चार आरोपियों – ललन कुमार (बबिता देवी का बेटा), प्रवीण कुमार, प्रिंस कुमार और राधा कुमारी – को रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया और भीड़ में शामिल अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिए टीमें बनाई गई हैं.
महिला कॉन्स्टेबल के खिलाफ ‘यौन टिप्पणियां’
शनिवार आधी रात के बाद दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार, जिसे दिप्रिंट ने देखा है, सीबीआई के एक इंस्पेक्टर ने रजौली पुलिस स्टेशन को सूचना दी कि टीम यूजीसी-नेट परीक्षा पेपर लीक की जांच के तहत मुरहेना गांव में बबिता देवी के घर पर छापेमारी करने गई थी. हालांकि, दोपहर करीब 3.50 बजे, जब वे जाने वाले थे, 200 से 300 लोगों की भीड़ ने पांच सदस्यीय टीम को घेर लिया और हमला कर दिया.
सीबीआई इंस्पेक्टर ने आरोप लगाया कि उनके और उनकी टीम के सदस्यों द्वारा खुद को पहचानने और सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डालने के परिणामों को समझाने के प्रयासों के बावजूद भीड़ शांत नहीं हुई. इंस्पेक्टर ने आगे दावा किया कि मिथिलेश प्रसाद नामक व्यक्ति, जिसने खुद को वॉर्ड नंबर 16 का वॉर्ड सदस्य बताया, विशेष रूप से आक्रामक था और उसने महिला कॉन्स्टेबल पर लैंगिक रूप से अपशब्दों का प्रयोग किया.
इंस्पेक्टर ने यह भी आरोप लगाया कि मिथिलेश ने कॉन्स्टेबल काजल कुमारी पर हमला किया, जिसका उद्देश्य उसका अपमान करना था, और उसके खिलाफ आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज करने की मांग की.
सीबीआई ने इंस्पेक्टर द्वारा पुलिस में की गई शिकायत, जिसके आधार पर एफआईआर लिखी गई, में कहा गया, “एसआई (सब इंस्पेक्टर) दर्शन चौधरी के नेतृत्व में स्थानीय पुलिस ने हमें पीसीआर में धकेल दिया, लेकिन भीड़ ने हमें कार से बाहर खींचने की कोशिश की. एक व्यक्ति, जिसने खुद को वॉर्ड 16 के वॉर्ड सदस्य मिथिलेश प्रसाद के रूप में पहचाना, ने सुश्री काजल कुमारी पर हमला करने की कोशिश की, ताकि उसका अपमान किया जा सके. उसने सीबीआई टीम को गाली भी दी और सुश्री काजल कुमारी पर अश्लील टिप्पणियां कीं. उसने महिला कॉन्स्टेबल को उसके महिला होने को लेकर भी गालियां दीं,”
शिकायत में आगे कहा गया है, “हमले में शामिल और भीड़ का नेतृत्व करने वाले कुछ लोगों की पहचान मिथिलेश प्रसाद (वॉर्ड सदस्य), भूपेंद्र प्रसाद उर्फ भूपी पुत्र पन्ना लाल, संजीव कुमार पुत्र ईश्वरी प्रसाद, संतोष पुत्र लक्ष्मण प्रसाद, परवीन कुमार पुत्र अनिल प्रसाद, अमरजीत कुमार पुत्र राजिंदर कुमार, श्याम कुमार उर्फ सूर्या पुत्र फूलचंद प्रसाद, प्रिंस पुत्र सरवन प्रसाद के रूप में हुई है; ये सभी गांव मुरहेना, टोला काशियाडीह, पोस्ट चमोथा, जिला नवादा के निवासी हैं.”
सीबीआई अधिकारी ने अपनी शिकायत में कहा, “यह अनुरोध किया जाता है कि सरकारी अधिकारियों के काम में बाधा डालने, सीबीआई टीम के साथ दुर्व्यवहार करने और उन पर आपराधिक बल का प्रयोग करने, सुश्री काजल कुमारी पर हमला करने और इस शिकायत में उल्लिखित कृत्यों के लिए उपरोक्त व्यक्तियों के खिलाफ कानून के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज की जाए.”
नवादा के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने दिप्रिंट को बताया कि स्थानीय पुलिस स्टेशन को उनके इलाके में सीबीआई टीम की मौजूदगी के बारे में पता नहीं था और उन्हें शनिवार शाम करीब 4.30 बजे इस बारे में पता चला, जब उन्होंने उग्र भीड़ के मद्देनजर संकटकालीन कॉल किया.
(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)
यह भी पढ़ेंः NTA को परीक्षाओं को ‘मुन्ना भाईयों’ से बचाना था, अब यह समस्या का हिस्सा बन गया है