शिमला, 11 मार्च (भाषा) कांग्रेस की हिमाचल प्रदेश इकाई के कुछ विधायकों ने आईपीएस अधिकारी अरविंद दिग्विजय नेगी द्वारा आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा को गोपनीय दस्तावेज ‘‘लीक’’ करने से संबंधित मामले की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की है।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में पुलिस विभाग से संबंधित कटौती प्रस्ताव पर अपनी बात रखते हुए शुक्रवार को किन्नौर से कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी ने कहा कि उन्होंने अपनी पार्टी के विधायक मोहन लाल ब्राक्टा और नंद लाल के साथ कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से मुलाकात की थी और मामले की सीबीआई जांच की मांग थी।
कांग्रेस विधायक ने कहा कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने दो गिरफ्तार आतंकवादियों के बयानों के आधार पर आईपीएस अधिकारी नेगी को गिरफ्तार किया था।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के स्थायी निवासी नेगी ने विभिन्न पदों पर अच्छा काम किया लेकिन एनआईए ने दो आरोपियों के बयानों के आधार पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
कांग्रेस विधायक ने कहा कि एनआईए ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने कहा कि सच्चाई सामने लाने के लिए मामले की जांच निष्पक्ष एजेंसी सीबीआई को दी जानी चाहिए।
एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा था कि एनआईए ने पूर्व पुलिस अधीक्षक (एसपी) नेगी को 18 फरवरी को प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा आतंकी समूह के एक सदस्य को गोपनीय दस्तावेज लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
वर्ष 2011 के आईपीएस बैच में पदोन्नत एक पुलिस अधिकारी नेगी को पिछले साल छह नवंबर को एनआईए द्वारा दर्ज एक मामले में गिरफ्तार किया गया था।
भाषा देवेंद्र उमा
उमा
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.