नई दिल्ली : पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया मामले में पांच दिनों के लिए सीबीआई की न्यायायिक हिरासत में भेज दिया है. बुधवार को सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद गुरुवार को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया. इस दौरान चिदंबरम की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिबल और अभिषेक मनु सिंघवी, वहीं सीबीआई की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता बहस हुई.
सीबीआई ने पी. चिदंबरम को पांच दिनों की न्यायायिक हिरासत की मांग की थी जिसपर अदालत ने मुहर लगा दी. चिदंबरम को 26 अगस्त तक न्यायायिक हिरासत में भेजा गया. अदालत ने कहा कि पी चिदंबरम के परिवार वाले और वकील उनसे हर दिन तीस मिनट तक मिल सकेंगे.
Court says family members and lawyers are permitted to meet #PChidambaram for 30 minutes a day https://t.co/kXgdMn4Lwi
— ANI (@ANI) August 22, 2019
सीबीआई अदालत में बहस के दौरान पूर्व वित्त मंत्री और केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने भी अदालत से कहा कि वह भी इस मामले में बात करना चाहते हैं. चिदंबरम ने अदालत से कहा, मुझपर आरोप लगाए जा रहे हैं कि मैं सीबीआई की मदद नहीं कर रहा हूं, मैं अदालत को यह बताना चाहता हूं कि इनलोगों ने मुझसे पूछा उसके जवाब मैंने दिए.
चिदंबरम ने कहा, ‘कृप्या सवाल और जवाब पर ध्यान दें, उन्होंने कहा कि यहां ऐसा कोई सवाल नहीं है जिसका जवाब मैंने नहीं दिया है.’
‘कृप्या छह जून का ट्रांसकृप्ट को पढ़ें. उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मेरा बैंक एकाउंट विदेश में है- मैंने कहा नहीं. उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मेरे बेटे का विदेश में खाता है मैंने कहा हां.’
सीबीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत में कहा, ‘उन्होंने चिंदबरम के लिए पांच दिन की रिमांड मांगी है.’
‘सीबीआई ने कहा कि चिदंबरम के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया और इसी आधार पर उनकी गिरफ्तारी हुई है. कोर्ट जाने के दौरान उनके बेटे कार्ति, बहू और पत्नी नलिनी चिदंबरम साथ हैं.’
INX Media Case: Former Union Finance Minister #PChidambaram being taken from Court after the Court sent him to CBI custody till August 26. pic.twitter.com/0XNUsBalMA
— ANI (@ANI) August 22, 2019
अदालत की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने कहा कि जांच में खुलासा हुआ है कि इंद्राणी मुखर्जी द्वारा 50 लाख डॉलर का भुगतान किया गया. इंद्राणी इस मामले में एक सह-आरोपी है. लेकिन, चिदंबरम ने सीबीआई द्वारा यह सवाल पूछने पर इनकार कर दिया.
अभियोजन पक्ष ने यह भी तर्क दिया कि जब उन्हें दस्तावेज दिखाए गए तो चिदंबरम चुप रहे और टाल-मटोल करते रहे. इससे उन्हें आगे और दस्तावेजों का सामना कराए जाने को बल मिला.
आईएनएक्स मामले में सीबीआई कोर्ट में बहस के दौरान तुषार ने कोर्ट को बताया कि चुप रहना भी संवैधानिक अधिकार है और उससे किसी को कोई परेशानी नहीं हैं लेकिन चिदंबरम इस केस की सुनवाई में बिलकुल मदद नहीं कर रहे हैं और न ही सवालों के जवाब दे रहे हैं.
वहीं तुषार ने सीबीआई कोर्ट में यह भी कहा कि मनी लांडरिंग का यह अनोखा मामला है, हम लोग प्री चार्जशीट स्टेज में हैं, उनके पास सारी सूचनाएं हैं लेकिन वह जांच में जरा भी मदद नहीं कर रहे हैं.
वहीं दूसरी तरफ चिदंबरम की तरफ से कपिल सिबल ने अदालत से कहा कि इस केस के मामले में उनके बेटे कार्ति चिदंबरम आरोपी हैं जिन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय से लगातार मार्च 2018 तक जमानत मिलती रही है. सुप्रीम कोर्ट में कोई चुनौती नहीं दी गई है. अन्य आरोपियों को भी जमानत मिल गई थी.
बता दें कि इस बहस के दौरान पी चिदंबरम ने कहा कि वह भी कुछ बोलना चाहते हैं. तब सोलिसिटर जेनरल तुषार मेहता ने इसपर रोका औैर कहा कि उनके दो वरिष्ठ वकील हैं जो इनके केस को देख रहे हैं. इस बीच अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने आरोपी को अपना पक्ष स्वयं रखने की इजाजत दी थी.
बहस के बाद सीबीआई अदालत ने पांच दिन की रिमांड के फैसले को सुरक्षित रखा है. चिदंबरम आईएनएक्स मीडिया को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी देने के आरोपी हैं.
चिदंबरम की गिरफ्तारी लोकतंत्र की दिनदहाड़े हत्या : कांग्रेस
पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम की गिरफ्तारी के अगले दिन कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेस कर इसे ‘दिनदहाड़े लोकतंत्र की हत्या’ करार दिया. चिदंबरम का बचाव करते हुए कांग्रेस के मीडिया प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस गिरफ्तारी को एक ‘हताश सरकार’ द्वारा ‘बदला लेने वाली राजनीति’ का परिणाम बताया और इसके साथ ही ईडी और सीबीआई पर उनके ‘राजनीतिक आकाओं’ को खुश करने का आरोप लगाया.
सुरजेवाला ने आगे आरोप लगाया कि चिदंबरम की गिरफ्तारी देश में गहराते आर्थिक संकट से लोगों का ध्यान हटाने के लिए चली गई एक चाल है.
सुरजेवाला ने कहा कि चिदंबरम के यहां इस मामले के सिलसिले में पहले ही चार बार छापे मारे जा चुके हैं और चिदंबरम 20 से अधिक समनों पर पेश हो चुके हैं.
चिदंबरम पर लगाए गए आरोपों को झूठा बताते हुए कांग्रेस ने कहा, ‘2008 में हुई एक कथित अपराध के लिए 5 साल से अधिक की गई व्यर्थ जांच के बाद अधिकारी चिदंबरम के खिलाफ किसी भी स्पष्ट या सटीक आरोपों को साबित करने में असमर्थ रहे हैं.’ उन्होंने आगे कहा, ‘देश में हर किसी का मुंह बंद कराने के लिए वरिष्ठ राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं.’
हालांकि एजेंसियों का मानना है कि उनके पास चिदंबरम के खिलाफ एक मजबूत मामला है और उन्हें चिदंबरम से पूछताछ करने की जरूरत है, जबकि कांग्रेस ने इस कदम को ‘बदला लेने वाला, चयनात्मक और दुर्भावनापूर्ण’ कहा.